Amrish Puri Birth Anniversary: सिनेमा इंडस्ट्री की वह महान हस्ती, जिसने नायक और खलनायक दोनों का ही किरदार बड़े ही बखूबी से निभाया था. जिसके नाम से 90’s के बच्चे आज भी थर-थर कांपते हैं. जिसने मोगैम्बो खुश हुआ… और जा सिमरन जा जैसी कई बेहतरीन डायलॉग दिए. जी हां, हम उसी दर्शकों के मनपसंद विलेन की बात कर रहें हैं, जिसने भले ही अपनी अधिकतर फिल्मों में नेगटिव किरदार निभाया हो लेकिन दर्शकों के दिल मे उनकी छवि उन के जाने के बाद उतनी ही अच्छी है, जितनी उनके जीवित रहते थी. यह शकसीयत और कोई नहीं, बल्कि अमरीश पूरी हैं. आज अमरीश पूरी की 92वीं बर्थ ऐनवर्सरी है. यह दिन खलनायकों के खलनायक का दिन है. इसलिए इस दिन केवल हम उन्हीं के बारे में बातें करेंगे.
अमरीश पूरी का जन्म 22 जून 1932 में पंजाब के नवां शहर मे हुआ था, जो अब बदलकर भगत सिंह शहर हो गया है. अमरीश पूरी ने अपने फिल्मी करीयर में 400 से ज्यादा फिल्में दी हैं. लेकिन आपको यह बात जानकार हैरानी होगी कि सिनेमा जगत के सबसे नामी ऐक्टर होने के बावजूद उनके जीवन में एक समय ऐसा भी रहा था, जब वह 20 दिन तक सूरज कि रोशनी देख तक नहीं पाए. आइए अब जानते हैं, इस किस्से के बारे मे पूरी बात.
अमरीश पूरी नहीं अनुपम खेर थे मोगैम्बो के लिए पहली पसंद
दर्शकों को यह बात जानकार बहुत ही आश्चर्य होगा कि मोगैम्बो का दमदार किरदार निभाने वाले अमरीश पूरी, इस किरदार के लिए पहली पसंद नहीं थे. और तो और उन्हें यह किरदार तब ऑफर किया गया, जब फिल्म की 60 प्रतिशत शूटिंग पूरी हो चुकी थी. दरअसल, मोगैम्बो का किरदार अमरीश पूरी से पहले अनुपम खेर को ऑफर किया गया था. इस बात का खुलासा खुद अमरीश पूरी ने इंटेरवीओएव में किया था. उन्होंने कहा था कि, ‘मोगैम्बो के रोल के लिए मुझे चुना गया था, लेकिन एक-दो महीने बाद ही फिल्ममेकर्स ने मुझे रिप्लेस कर दिया.’ उन्होंने अपने मन की भावनाओं को ‘एक्ट ऑफ लाइफ’ में बयान करते हुए लिखा था कि, ‘जब डायरेक्टर शेखर कपूर ने मुझे यह रोल ऑफर किया, तब तक फिल्म की 60 फीसदी शूटिंग पूरी हो चुकी थी. मैं थोड़ा आशंकित हो गया था, क्योंकि आधी से ज्यादा फिल्म शूट हो चुकी थी. मेरे मन में यह ख्याल भी आया कि इन्हें अब जाकर मेरी याद आई.’
20 दिन तक सूरज नहीं देख पाए थे अमरीश पूरी
अमरीश पुरी ने उस बुक में आगे लिखा था कि, ‘मिस्टर इंडिया की शूटिंग के दौरान शेखर कपूर ने मुझे पूरी छूट दी थी. उन्होंने कहा था कि मोगैम्बो का किरदार हिटलर जैसा होना चाहिए. ऐसे में इस किरदार का आइडिया हॉलीवुड फिल्म स्टेरिंग क्लार्क गेबल से लिया गया. उस दौरान शूटिंग का शेड्यूल इतना ज्यादा व्यस्त रहा कि मैं करीब 20 दिन तक सूरज की रोशनी नहीं देख पाया था.’