टेंडर कमेटी में हुआ पास, मुख्यालय से फाइल आते ही जारी होगा वर्क ऑर्डर- 11.91 करोड़ से होगी बाइपास सड़क की मरम्मतवरीय संवाददाता, भागलपुरबाइपास सड़क की दुरुस्तीकरण का काम अगले कुछ दिनों में शुरू होगा. यह काम जमुई के कांट्रैक्टर बालकृष्ण भालोटिया करायेगा. इनके नाम से टेंडर फाइनल हुआ है. सिर्फ मुख्यालय से फाइल आने की देरी है. एनएच विभाग के अनुसार टेंडर कमेटी ने उनके नाम पर अंतिम मुहर लगायी है. बाइपास सड़क के मरम्मत कार्य पर करीब 11 करोड़ 91 लाख रुपये खर्च होंगे. पिछले माह टेक्निकल बिड खोला गया था, जिसमें दो कांट्रैक्टर ने टेंडर भरा था. दोनों ही कांट्रैक्टर जमुई के ही है, जिसमें एक बालकुष्ण भालोटिया है. इधर, मुख्यालय से फाइल आने के बाद चयनित कांट्रैक्टर को वर्क ऑर्डर जारी किया जायेगा.
पांच महीने से टेंडर के पेच में फंसे बाइपास मरम्मत का रास्ता हुआ साफबाइपास सड़क की दुरुस्तीकरण कार्य टेंडर के पेच में पांच महीने से फंसा था लेकिन, इसके फाइनल होने से रास्ता साफ हो गया है. इधर, बाइपास के लिए एजेंसी बहाली में देरी से राशि बढ़ी है. पिछले साल दिसंबर में जहां टेंडर राशि 49 लाख 19 हजार 420 रुपये निर्धारित थी. वहीं, यह राशि बढ़कर 11 करोड़ 91 लाख 31 हजार 439 रुपये हो गयी है. अगर समय से एजेंसी बहाल हो गयी रहती, तो अब तक बाइपास सड़क कम खर्च में दुरुस्त हो गया रहता.शहर के पुराने कूड़े के निस्तारण को लेकर लीगेसी वेस्ट प्लांट लगाने का मामला अटका
पुराने कूड़े के निस्तारण को लेकर लीगेसी वेस्ट प्लांट (पुराना कचरा निस्तारण सयंत्र) लगाने का मामला अटक गया है. प्रदेश सरकार ने विभिन्न नगर निकायों द्वारा लीगेसी वेस्ट की मात्रा के आकलन पर असहमति जतायी है और इसके फिर से मूल्यांकन की आवश्यकता बतायी है. साथ ही कहा गया है कि विभाग की अनुमति के बिना लीगेसी वेस्ट (कूड़े के ढेर) रेमिडिएशन के संबंध में निविदा नहीं निकाली जायेगी. इस संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग के उप सचिव राजेश कुमार तिवारी ने भागलपुर समेत पांच नगर आयुक्तों को आदेश जारी किया है.गाइडलाइन का पालन नहीं, सरकारी राशि दुरुपयोग के सामानउप सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि लीगेसी वेस्ट रेमिडिएशन एक्शन प्लान के तहत राज्य स्तरीय टेक्निकल कमेटी और नेशनल एडवाइजरी एंड रिव्यू कमेटी के अनुमोदन के बाद कार्य शुरू करने संबंधी आदेश नगर निगमों को भेजा गया था. इसमें पाया गया कि कूड़े के ढेर के निस्तारण में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के आरपीएफ संबंधी गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. स्वच्छतम पोर्टल पर लीगेसी वेस्ट के आंकड़ों में काफी अंतर है. यह सरकारी राशि के दुरुपयोग के सामान है. लीगेसी वेस्ट की मात्रा कई गुना बढ़ाकर दिखायी गयी है. ऐसे में इनके फिर से मूल्यांकन की आवश्यकता है.विभाग की अनुमति के किसी भी प्रकार की निविदा पर रोक लगा दी गयी है.
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