वाराणसी: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में शामिल पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित (Laxmikant Dixit Varanasi) का वाराणसी में निधन हो गया. वो 86 वर्ष के थे. पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में ही 121 आचार्यों की टीम ने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान कराया था. प्राण प्रतिष्ठा के समय जो पांच लोग मंदिर के गर्भ गृह में थे, उनमें से एक पंडित लक्ष्मीकांत भी थे. मूल रूप से शोलापुर से उनका परिवार काशी आया था और कई पीढ़ियों से यहां रह रहा था. वो सांगवेद महाविद्यालय के आचार्य भी थे.
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य आचार्य थे पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए वाराणसी के आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन कर रहे थे. जबकि पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित (Laxmikant Dixit Varanasi) मुख्य आचार्य थे. प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन के लिए 121 आचार्यों की टीम बनी थी. प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया 16 जनवरी से शुरू हुई थी. 16 जनवरी को प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन कराया गया था. 17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश हुआ था. 18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास के साथ ही श्रीराम लला विग्रह को उनके स्थान पर विराजमान किया गया. 19 जनवरी को औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, 19 जनवरी को धान्याधिवास, 20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास और 21 जनवरी को मध्याधिवास और शय्याधिवास कराया गया. इसके बाद 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ था. इन सभी आयोजन में पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने मुख्य आचार्य की भूमिका निभाई थी.
काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण पूजन भी थे शामिल
पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित (Laxmikant Dixit Varanasi) ने काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण पूजन भी शामिल थे. 21 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण हुआ था. पं. लक्ष्मीकांत ने महाराष्ट्र, ग्वालियर, राजस्थान के राजघरानों के राज्याभिषेक भी कराए हैं. रामलला (Ayodhya Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त निकालने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने पं. लक्ष्मीकांत के निधन पर शोक व्यक्त किया है.