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डेढ़ माह में चार नयी जगहों पर रॉ वाटर चोरी होने से घटा सात एमएलडी पानी

मैथन से गोविंदपुर के बीच पानी चोरी होने से शहर में गहराया जल संकट, भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में 55 के बजाय 48 एमएलडी पहुंच रहा पानी

वरीय संवाददाता, धनबाद,

मैथन जलापूर्ति योजना के तहत तय मात्रा से कम पानी पहुंचने के कारण एक बार फिर शहरी क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में गंभीर पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. पिछले डेढ़ माह से मैथन से धनबाद तक रॉ वाटर चोरी के चार नये स्पॉट बने हैं. इनसे लगभग सात एमएलडी पानी की चोरी हो जा रही है. नतीजा शहरी क्षेत्र के जलमीनार भर नहीं पा रहे हैं और लोगों को जल संकट झेलना पड़ रहा है. बता दें कि डेढ़ माह पूर्व तक करार के अनुसार मैथन स्थित इंटकवेल से धनबाद के भेलाटांड़ स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक 55 एमएलडी पानी पहुंचता था. गत डेढ़ माह से मैथन से गोविंदपुर के बीच चार नयी जगहों पर पानी की चोरी शुरू हो गयी है. इस कारण वर्तमान में धनबाद के भेलाटांड़ स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक लगभग 48 एमएलडी पानी ही पहुंच रहा है.

पानी चोरी के स्पॉट की संख्या 21 से बढ़कर हुई 25 :

वर्तमान में मैथन से गाेविंदपुर के बीच कुल 25 अलग-अलग जगहों पर पानी की चोरी धड़ल्ले से जारी है. डेढ़ माह पूर्व तक 21 अलग-अलग स्पॉट पानी चोरी के लिए चिह्नित थे. बावजूद इसके भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक 55 एमएलडी पानी पहुंचता था. वर्तमान में फुफुवाडीह में एक, मुगमा में दो व निरसा के फौजी होटल के समीप पानी चोरी के नये स्पॉट बन गये हैं. इन इलाकों में राइजिंग पाइपलाइन को क्षतिग्रस्त कर पानी चोरी शुरू कर दी गयी है.

19 जलमीनारों में सप्लाई हो रही 20 एमएलडी पानी :

दो माह पूर्व तक मैथन स्थित इंटकवेल से धनबाद के भेलाटांड़ स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में, जो 55 एमएलडी रॉ वाटर पहुंचता था. इसके ट्रीटमेंट में चार से पांच एमएलडी पानी बर्बाद हो जाता है. शेष बचे पानी में रेलवे को 15 एमएलडी पानी की सप्लाई की जाती है. इसके अलावा आइआइटी-आइएसएम को पांच एमएलडी, एसएनएमएमसीएच को तीन एमएलडी पानी दिया जाता है. शेष 27 एमएलडी पानी शहर के 19 जलमीनार में आपूर्ति की जाती थी. वर्तमान में सात एमएलडी पानी चोरी होने के कारण शहर के 19 जलमीनारों में सिर्फ 20 एमएलडी पानी सप्लाई की जा रही है.

कम पानी मिलने से भर नहीं रहीं टंकी :

जरूरत के अनुसार कम पानी पहुंचने के कारण शहर के जलमीनार आधे ही भर पा रहे हैं. खासकर शहर में जलापूर्ति के लिए बने आठ जलमीनार नये हैं. इनकी क्षमता डेढ़ लाख गैलेन हैं. इनमें स्टीलगेट, पुलिस लाइन, मेमको, भूली, मटकुरिया, हीरापुर, गोल्फ ग्राउंड व पीएमसीएच जलमीनार शामिल है. इन जलमीनारों में तय से आधा ही पानी ही भरा जा रहा है.

वर्जन

हाल के दिनों में मैथन से गोविंदपुर के बीच चार नये जगहों पर पानी चोरी शुरू हुई है. विभागीय स्तर पर इसपर रोक लगाने की दिशा में कार्य चल रहा है. संबंधित थाने में पानी की हो रही चोरी के संबंध में शिकायत दर्ज करायी गयी है. जल्द ही समस्या का समाधान निकाला जायेगा.

जे होरो,

कार्यपालक अभियेता, पेयजल विभाग

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