भोरे (गोपालगंज). सिविल सर्जन के आदेश को मानने से भोरे के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ खाबर इमाम द्वारा इंकार कर दिया गया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र प्रसाद ने इस कृत्य को कार्य के प्रति घोर लापरवाही तथा उच्च अधिकारी के आदेश की अवहेलना मानते हुए तत्काल प्रभाव से डॉ खाबर इमाम के सभी वित्तीय अधिकार वापस लेते हुए 24 घंटे में जवाब-तलब किया है. इस कार्रवाई के बाद डॉ खाबर इमाम काफी चर्चा में हैं. इससे पहले भी वे चर्चा में रहे हैं. भोरे में उनका ये दूसरा कार्यकाल है. अपने कार्यकाल में उन्होंने रेफरल अस्पताल को कायाकल्प के तहत सूबे में सातवां और जिले में पहला स्थान दिलाया था. इस कार्रवाई से लोग हैरान हैं. विभागीय स्तर पर स्थानांतरण के पश्चात स्वास्थ्यकर्मी दुर्गेश कुमार शुक्ला व विनय कुमार शुक्ला का स्थानांतरण भोरे रेफरल अस्पताल में कर दिया गया है. जब शुक्रवार को दुर्गेश कुमार शुक्ला व विनय कुमार शुक्ला योगदान करने के लिए रेफरल अस्पताल भोरे पहुंचे, तो उन्हें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ खाबर इमाम द्वारा योगदान करने से रोक दिया गया. हैरत की बात यह रही कि डॉ खाबर इमाम विभागीय आदेश के बावजूद योगदान नहीं कराने की कोई ठोस वजह नहीं बता पाये. आखिरकार दोनों स्वास्थ्यकर्मी अपनी शिकायत लेकर गोपालगंज पहुंचे, जहां सिविल सर्जन ने तत्काल प्रभाव से विभागीय निर्देशों का पालन करते हुए अपने कार्यालय में दोनों कर्मियों का योगदान सुनिश्चित कर लिया. रेफरल अस्पताल भोरे के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को योगदान की सूचना देते हुए दोनों स्वास्थ्यकर्मियों से रेफरल अस्पताल भोरे की उपस्थिति पंजी पर उपस्थिति दर्ज कराते हुए सरकारी कार्य संपादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उचकागांव के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह भोरे रेफरल अस्पताल में कार्यरत संजय कुमार का तबादला पिछले वर्ष किया गया था, तो पूर्व से स्थानांतरित स्वास्थ्यकर्मी संजय कुमार को अब तक किस वजह से कार्य विरमित नहीं किया गया है. अब प्रभारी को जवाब देना होगा. सिविल सर्जन के एक्शन में आने से मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं.
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