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साकची में दो मॉल में चला नक्शा विचलन के खिलाफ अभियान, ग्राउंड फ्लोर में शुरू करायी गयी पार्किंग

नक्शा विचलन के खिलाफ जमशेदपुर अक्षेस ने साकची एसएनपी एरिया में दो मॉल के ग्राउंड फ्लोर को खाली कराया.

वरीय संवाददाता , जमशेदपुर

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नक्शा विचलन के खिलाफ जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (अक्षेस) ने हाईकोर्ट के आदेश से तीसरे दिन भी शनिवार को साकची एसएनपी एरिया में अभियान चलाया. अक्षेस की टीम ने होल्डिंग नंबर 9, एसके सिन्हा राय ( टी सुकुमारन ) के ग्राउंड फ्लोर में पर संचालित बाजार कोलकाता और सिटी स्टाइल को खाली कराया. दोनों संचालकों को 24 घंटे के अंदर भवन के ग्राउंड फ्लोर में पार्किंग के लिए रैंप बनाने का आदेश दिया. ताकि मॉल में आने वाले ग्राहक ग्राउंड फ्लोर में पार्किंग कर सके. धालभूम एसडीओ पारूल सिंह के आदेश से कार्रवाई में सहयोग के लिए जमशेदपुर अक्षेस के अभियंता एमके प्रधान, संजय कुमार और अभियान के दौरान शांति विधि व्यवस्था को बनाये रखने के लिए दंडाधिकारी के तौर पर जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी अरविंद्र तिर्की, सिटी मैनेजर जॉय गुड़िया की तैनाती की गयी थी.

सुबह 11:30 बजे जमशेदपुर अक्षेस की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची. संचालकों ने तत्काल भवन के ग्राउंड फ्लोर को खाली करना शुरू कर दिया. जिसके उपरांत कुछ दो पहिया वाहनों को ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग करायी गयी. वर्ष 2011 में झारखंड हाईकोर्ट ने नक्शा विचलन मामले में ऐसी इमारतों पर कार्रवाई का आदेश दिया था. जहां पार्किंग की जगह दुकान, होटल, गोदाम, ट्यूशन क्लास सहित अन्य कई तरह की व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही थी. अक्षेस ने बिना नक्शा पारित कराये अवैध तरीके से निर्माण कराने पर भवन संचालक टीके सुकुमारन को पहली बार 20 जनवरी 2011 को नोटिस जारी कर अवैध निर्माण को 15 दिनों में तोड़ने अन्यथा स्वयं तोड़ने की कार्रवाई की बात कही. साल 2016 में पुन: तीन बार नोटिस जारी किया गया. बाद में सारा मामला ठप हो गया. कोई कार्रवाई नहीं करने पर साकची निवासी राकेश झा की हाइकोर्ट में जनहित याचिका (2078 /2018) दाखिल की गयी. अब हाइकोर्ट के आदेश से भवनों में पार्किंग की समुचित व्यवस्था की जा रही है. पार्किंग जगह खाली कराने से अब वाहन सड़क पर नहीं पार्क होंगे, जिससे जाम से निजात मिलेगी.

शॉपिंग मॉल्स को पार्किंग वसूलने का अधिकार नहीं, पार्किंग ग्राहकों का हक

शॉपिंग मॉल्स को पार्किंग वसूलने का अधिकार नहीं है. क्योंकि बिल्डिंग रूल्स के मुताबिक, पार्किंग स्पेस बिल्डिंग का एक हिस्सा है, और बिल्डिंग परमिट इस शर्त पर जारी किया जाता है कि पार्किंग की जगह होगी. इस आधार पर एक भवन का निर्माण किया जाता है. इस मामले को लेकर साल 2019 में गुजरात और केरल हाईकोर्ट की ओर से एक फैसला सुनाया गया था कि मॉल और शॉपिंग मॉल्स में खरीदारी करने अपने वाहन से जाते हैं तो पार्किंग शुल्क देने की जरूरत नहीं है. इस मामले को लेकर गुजरात और केरल हाई कोर्ट की ओर से फैसला सुनाया गया था. जिसके तहत ग्राहकों से पार्किंग फीस लेना पूरी तरह से अवैध है. ऐसा करने पर जुर्माना भी हो सकता है. न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने साफ तौर पर कहा था कि मॉल में खरीदारी करने वाले ग्राहकों से पार्किंग फीस लेना सही नहीं है. पार्किंग लोगों की जरूरत है. अगर मॉल में यह सुविधा नहीं हो तो आसपास जाम लग सकती है. शॉपिंग मॉल्स को पार्किंग वसूलने का अधिकार नहीं है. ऐसे में शहरवासियों को पार्किंग शुल्क चुकाने से छूटकारा मिल जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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