प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को भेजा गया पत्र प्रतिनिधि, मुंगेर मॉनूसन प्रवेश के साथ जिले में सांभावित बाढ़ व जलजमाव से उत्पन्न होने वाली बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने तैयारियों के निर्देश दिये हैं. जिसे लेकर अपर मुख्य सचिव द्वारा प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को पत्र भेजकर तैयारियों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं. अपर मुख्य सचिव ने कहा गया है कि राज्य में हर वर्ष मानसून अवधि के दौरान कई जिलों को बाढ़ की विभीषिका का सामना करना पड़ता है. राज्य के बाढ़ प्रवण जिलों में 15 जिले अति बाढ़ प्रवण जिलों की श्रेणी में आते है. साथ ही कई अन्य जिले भी बाढ़ से प्रभावित होती है. इन अति बाढ़ प्रवण जिलों एवं बाढ़ प्रभावित जिलों में बाढ़ से जान-माल की क्षति के अलावे कई तरह की जल जनित बीमारियां भी फैलती हैं. जो महामारी का रूप ले सकती है. इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक है कि पूर्व से ही प्रभावकारी कदम उठाये जायें. जिससे कि बीमारियों का फैलाव नहीं हो एवं यदि हो जाय तो उसका समुचित उपचार एवं नियंत्रण किया जा सके. अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्देश दिया गया है कि बाढ़ एवं उससे उत्पन्न जल जनित बीमारियों की समस्या से निपटने हेतु बाढ़ प्रवण जिलों के साथ-साथ गैर बाढ़ प्रवण जिलों में भी बाढ़ आपदा से निपटने की तैयारियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. ऐसे में जिले में बाढ़/जल-जमाव से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के संभावित क्षेत्रों का पूर्व के अनुभव के आधार पर चिह्नित करेगी एवं वहां पर त्वरित तरीके से उपचारात्मक एवं निरोधात्मक कार्रवाई करेगी तथा इसके लिए प्रचार-प्रसार के माध्यम का भी इस्तेमाल करेगी. साथ ही सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य संस्थानों में इसे लेकर सभी तैयारी रखी जानी है तथा दवा सहित अन्य सभी स्वास्थ्य सुविधाओं को अलर्ट मोड में रखा जाना है. कहते हैं सिविल सर्जन सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि अपर मुख्य सचिव द्वारा दिये गये दिशा-निर्देश को लेकर तैयारी शुरू कर दी गयी है. जबकि बीते दिनों जिलाधिकारी द्वारा भी इसे लेकर बैठक की गयी थी. जिसमें कई दिशा-निर्देश दिये गये हैं.
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