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घाटशिला : धाड़ दिशोम माझी परगना महाल का दो दिवसीय 14वां महासम्मेलन, बोले बैजू मुर्मू- पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, रीति-रिवाज, धर्म-संस्कृति की रक्षा जरूरी

- युवा पीढ़ी अपनी भाषा-संस्कृति से प्रेम करें, तभी इसका रक्षा संभव

घाटशिला. घाटशिला के पावड़ा में धाड़ दिशोम माझी परगना महाल के दो दिवसीय 14वां महासम्मेलन का उद्घाटन शनिवार को हुआ. मौके पर देश परगना बैजू मुर्मू ने कहा कि पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को बचाये रखने की जरूरत है. हमें अपनी भाषा, संस्कृति, सभ्यता और पर्व-त्योहार को एक ही दिन एक साथ मनाने की जरूरत है. तभी संताली समाज का कल्याण संभव है. युवा पीढ़ी को सभ्यता, संस्कृति और रीति-रिवाज का जानना जरूरी है. अपनी भाषा-संस्कृति से प्रेम करें, तभी रक्षा संभव है.

स्वतंत्रता सेनानियों को दी गयी श्रद्धांजलि

मौके पर महाल का झंडोत्तोलन, महापुरुषों की तस्वीर पर माल्यार्पण और दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गयी. देश परगना बैजू मुर्मू की अध्यक्षता में प्रथम दिन प्रथम सत्र में अतिथियों का स्वागत किया गया. डॉ भीमराव आंबेडकर, पंडित रघुनाथ मुर्मू, बिरसा मुंडा, तिलका माझी, चांद भैरव, फूलो झानो, पूर्व देश परगना स्व हरेंद्र नाथ मुर्मू, जयपाल सिंह मुंडा को श्रद्धांजलि दी गयी. विभिन्न राज्यों से आये महाल के प्रतिनिधियों का स्वागत महिलाओं ने स्वागत गीत से किया.

समाज में महिलाओं को भागीदारी बनाने को पर जोर

सम्मेलन में वार्षिक लेखा-जोखा कोषाध्यक्ष पंचानन सोरेन ने प्रस्तुत किया. महासम्मेलन का उद्देश्य दुर्गा चरण मुर्मू ने प्रस्तुत किया. समाज की शिक्षा पर मानकी-मुंडा संघ के लुथर टोपनो ने अपनी बातें रखीं. उन्होंने समाज के युवक और युवतियों को पढ़ाई पर जोर देने की अपील की. पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, रीति-रिवाज, धर्म-संस्कृति, पूजा पद्धति, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक, रोजगार में महिलाओं को सम्मान, भागीदारी, जिम्मेदारी और समाज में युवाओं का भागीदारी पर वक्ताओं ने अपनी बातें रखीं. शनिवार के प्रतिनिधिमंडल की बैठक में संताल परगना के जामताड़ा, दुमका, हजारीबाग, रामगढ़, गिरिडीह, रायरंगपुर, कोल्हान के सभी जिलों से समाज के माझी परगना और सामाजिक प्रतिनिधि उपस्थित थे.

आज मुख्य अतिथि होंगे सीएम चंपाई सोरेन

रविवार सुबह 9 बजे से प्रतिनिधिमंडल का सत्र शुरू होगा. समापन समारोह दो बजे होगा. इसमें मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री चंपई सोरेन शामिल होंगे. शनिवार के सत्र में सिविल सर्जन डॉ जुझार सोरेन, ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व जीएम शंकर मार्डी, लेदेम किस्कू, परगना बाबा दसमत हांसदा, डॉ राजेंद्र प्रसाद टुडू, छोटा भुजंग टुडू, सुमित्रा सोरेन, कुशल हांदसा, डॉ जतिंद्र नाथ बेसरा, धर्मा मुर्मू, सुफल मुर्मू ,बिंदे सोरेन ने अपनी बातें रखीं. महासम्मेलन का संचालन दुर्गा चरण मुर्मू ने किया. प्रथम सत्र के सम्मेलन का धन्यवाद ज्ञापन प्रो श्याम मुर्मू ने किया.

बेहतर कार्य करने वाले व मेधावी विद्यार्थी हुए सम्मानित

सम्मेलन के पहले दिन समाज में बेहतर कार्य (रक्तदान, पर्यावरण रक्षा के लिए पेड़ लगाने, मैट्रिक और इंटर परीक्षा में बेहतर अंक पाने वाले) करने वालों को सम्मानित किया गया. 74 बार रक्तदान के लिए सरजामदा निवासी राजेश मार्डी को सम्मानित किया गया. उन्हें ट्राइबल ब्लड मैन के नाम से भी जाना जाता है. देश परगना बाबा बैजू मुर्मू ने अंग वस्त्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया.

महासम्मेलन में हरि पदो मुर्मू, सुशील हांसदा, दसमत हांसदा, मनी कांत मुर्मू, कृष्ण दुलाल मुंडा, सुभाष मांडी, शीलू मांडी, पुंता मुर्मू, अर्जुन टुडू, लखन मार्डी, रमेश मुर्मू, बिंदु सोरेन, सावना मुर्मू, चांदराय हेंब्रम, नूतन टोपनो, डॉ राजेंद्र प्रसाद टुडू, मुखिया पार्वती मुर्मू, मानिक मुर्मू, दल गोविंद मुर्मू सुनील मुर्मू, नवीन मुर्मू, लखन मार्डी, मानिक मुर्मू, रमेश मुर्मू, भुजंग टुडू, मार्शल मुर्मू, बिंदे सोरेन, सेन बासु हांसदा समेत कोल्हान के सभी परगना बाबा माझी बाबा और समाज के बड़ी संख्या में प्रतिनिधि उपस्थित थे.

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