गोगरी. भीषण गर्मी से सब्जियों के भाव आसमान छूने लगे हैं. जिससे किचन का बजट बिगड़ गया है. हालांकि मानसून गिरने से अब सब्जियों के भाव कुछ कम होने की उम्मीद जगी है. बाजार में सब्जियों की कीमत दोगुनी से अधिक हो चुकी है. लगातार गर्मी और तेज धूप से सब्जियों के पौधे झुलस गये हैं. इससे हरी सब्जियों के दाम एक सप्ताह में दोगुनी हो गये. कुछ सब्जियों के भाव 80 रुपये किलो तक पहुंच गये हैं. दाम बढ़ने से हरी सब्जियां थाली से दूर हो गयी है. नेनुआ को छोड़कर 50 रुपये किलो से कम में सब्जियां नहीं मिल रही है. सब्जी खरीदने लोग मंडी में जा रहे हैं लेकिन दाम सुनकर उनके पसीने छूट जा रहे हैं. किलो से लेने वाले लोग पाव में खरीद रहे हैं. जमालपुर बाजार में शनिवार को 20 से 25 रुपये पीस बिकने वाला कद्दू 50 रुपये में बिक रहा था. पूरे सब्जी मंडी में एकमात्र जगह ही कद्दू था. इसके कारण वह भी मनमाना दाम ले रहा था. धनिया पत्ता 200 रुपये किलो बिक रहा था. फल सब्जी मंडी के व्यापारी ने बताया कि गर्मी के चलते सब्जी के आवक काफी कम हो गये हैं. जिसके कारण सब्जियों के दाम में वृद्धि हुई है. तीन-चार दिन पूर्व तक भिंडी, बैगन, करेला, परवल 25 से 30 रुपये किलो बिक रहा था. अचानक दाम में दोगुनी की वृद्धि हुई है. सब्जी मंडी में टमाटर 50 रुपये, खीरा 60 रुपये, बैगन 50 रुपये, करेला 60 रुपये, मूली 40 रुपये, नेनुआ 40 रुपये किलो बिक रहा है. सब्जियां महंगी होने से लोग सब्जी खरीदने मंडी में जा रहे हैं लेकिन खाली हाथ लौट रहे हैं. आलू के दाम में भी वृद्धि हुई है. दालों के भाव तो पहले से ही बढ़ हैं. अब सब्जियों के भाव ने खाने का स्वाद बिगाड़ दिया है. अशोक चौक निवासी सुषमा गुप्ता ने बताया कि हरी सब्जियों को छोड़कर आलू, प्याज और टमाटर से ही काम चलाना पड़ रहा है. सब्जियों के दाम बढ़ने से थाली का स्वाद भी बदल गया है. रसोई का बजट बैलेंस करने के चक्कर में दूसरे खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है. किसान सुनील यादव ने बताया कि गर्मी से सब्जी के फूल पौधे झुलस गये हैं. सब्जियों का उत्पादन काफी कम हो गया है. सब्जियों के पौधे को बचाने के लिए तीन बार पानी देना पड़ रहा है. ऐसे में मांग के अनुसार सब्जियों के नहीं मिलने पर दाम और बढ़ेंगे.
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