Airport in Bihar : दरभंगा. दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुविधा बढ़ने वाली है. यहां वर्तमान टर्मिनल भवन के पास ही 2.40 एकड़ में नया टर्मिनल भवन बनाया गया है. इसके पूरी तरह से कार्यरत हो जाने पर यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी. 31 जुलाई से इसके कार्यरत हो जाने की उम्मीद है. दरभंगा एयरपोर्ट के प्रभारी निदेशक पार्था साहा ने कहा कि नए टर्मिनल भवन में कुछ तकनीकी काम बाकी है. इस काम के पूरा हो जाने के बाद इसे पूरी तरह कार्यरत कर दिया जाएगा.
एयरपोर्ट की क्षमता दो गुनी होगी
रक्षा मंत्रालय से एनओसी मिलने के बाद 34 करोड़ की लागत से इस नए टर्मिनल भवन का निर्माण किया गया है. इस नए टर्मिनल भवन की क्षमता 600 यात्रियों की होगी. यहां पर 440 कुर्सियां लगायी गयी हैं. तीन लगेज बेल्ट की व्यवस्था की गयी है. साथ ही दो एप्रन (विमान को खड़े करने की जगह) बनाये गए हैं. नये टर्मिनल भवन के कार्यरत होने के बाद भी पुराना टर्मिनल भवन कार्यरत रहेगा. इस प्रकार दरभंगा एयरपोर्ट पर दो टर्मिनल भवनों की व्यवस्था हो जाएगी.
बढ़ेंगी यात्रियों के लिए सुविधाएं
यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही थी. दोनों टर्मिनल भवन के कार्यरत हो जाने से यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी. वर्तमान में दरभंगा एयरपोर्ट पर 10 विमानों से करीब 1500 यात्रियों का रोज आवागमन होता है. पुराने टर्मिनल भवन में यात्रियों की क्षमता दो सौ है. एक लगेज बेल्ट की व्यवस्था रहने से यात्रियों को इंतजार करना पड़ता है. कुर्सियां कम पड़ने के कारण पूर्व में कई बार दरभंगा एयरपोर्ट पर हंगामा भी हो चुका है. बाद में एयरपोर्ट प्रशासन को कुर्सियों की संख्या बढ़ानी पड़ी थी. अभी एयरपोर्ट पर केवल एक एप्रन रहने के कारण दो विमानों की ही पार्किंग की व्यवस्था है.
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विमानों की संख्या बढ़ने की उम्मीद
पूर्व में यहां से 12 विमानों से करीब 2500 यात्री रोज आवागमन करते थे, लेकिन बेंगलुरु की सीधी हवाई सेवा बंद कर दिये जाने के कारण यात्रियों की संख्या में कमी आयी है. बेंगलुरु की सीधी हवाई सेवा अब तक शुरू नहीं किए जाने से यात्रियों को पटना का रुख करना पड़ रहा है. दरभंगा एयरपोर्ट पर विमानों की संख्या नहीं बढ़ने के पीछे यह भी एक कारण है. नये टर्मिनल भवन ककार्यरत हो जाने के बाद एप्रन की संख्या चार हो जाएगी. साथ ही लगेज बेल्ट की संख्या भी एक से बढ़कर चार हो जाएगी. ऐसे में विमानों की संख्या अगर बढ़ती है तो उससे एयरपोर्ट प्रशासन और यात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.