झारखंड जन संस्कृति मंच हजारीबाग का मासिक कवि सम्मेलन बोने-बोने गेलियो एक बोझा दतौन लेले ऐलियो का आनंद उठाया प्रतिनिधि, हजारीबाग झारखंड जन संस्कृति मंच का मासिक कवि सम्मेलन हुआ. अध्यक्षता अवकाश प्राप्त शिक्षक व प्रसिद्ध पर्यावरणविद सुरेंद्र प्रसाद सिंह, मुख्य अतिथि नाई समाज के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश ठाकुर, विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध कवि प्रमोद रंजन थे. उप निदेशक खान व भूतत्व के कवि कुणाल कौशल ने प्रेम, नदी व पर्यावरण के रचनाओं का पाठ किया. खोरठा कवि संजीत ने खोरठा रचना बोने-बोने गेलियो एक बोझा दतौन लेले ऐलियो, ऐ सुगी ककर दीदा पड़ गेलेगेहमर भौजी काहे रूस गेलैगे व विदाई खोरठा गीत गाकर खुब वाहवाही लूटी. पर्यावरणविद सुरेंद्र सिंह ने पर्यावरण गीत धरती गर्म हुई है. नदियों के बुखार से और हास्य व्यंग्य से सराबोर कविता चाचा चोर, भतीजा चोर, नेता चोर, नतीजा घोर रचना सुनाया. बैंककर्मी कवि प्रमोद रंजन ने गीत लिखने संबंधी कविता सुनाया. कवि सह अधिवक्ता अरविंद झा ने मैं कागज तू स्याही और मां मुझे घर घुसनी बना दे गीत पेश किया. कवि सह शिक्षक विजय कुमार राणा ने नहीं तो पुरी तरह नकार दिया जायेगा और यदि विश्वगुरु बनना है. प्रभावशाली कविता सुनाया. रुबीना खातुन ने अगर है हमसे तलब ऐ इश्क तो न जाया कीजिये,आंखो से न सही लबों से बताया कीजिये पर खूब तालियां बजी. प्रियांशी कुमारी दलित कौन?, झारखंड पेंशनर कल्याण समाज के उपाध्यक्ष कवि राजू विश्वकर्मा ने हास्य व्यंग्य, संजय कुमार तिवारी पूर्वी लोकगीत सुनाया. शिक्षिका पूनम त्रिवेदी ””श्लाघ्या”” ने आसमान मे सड़कें बन रही है और धरती अपनी न्यारी, अन्य एक तीन रचनाओं का पाठ कर सबको हैरत में डाल दिया. सुरेश ठाकुर ने भी कविता सुनाई. मंच संचालन और धन्यवाद ज्ञापन सचिव शंकर गुप्ता ने किया.
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