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Munger news : छूटे हुए टोलाें व बसावटों में पानी पहुंचाने की 375 योजनाओं पर संकट

Munger news : पिछले चार माह से इन योजनाओं की टेंडर प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पायी है.

Munger news : मुंगेर जिले की 96 पंचायतों में छूटे हुए वार्ड, टोलाें एवं बसावटों में हर घर नल का जल पहुंचाने के लिए सात निश्चय योजना के तहत 375 योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है. पर, पिछले चार माह से इन योजनाओं की टेंडर प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पायी है. पहले लोकसभा चुनाव को लेकर जारी आदर्श आचार संहिता के कारण योजनाएं आगे नहीं बढ़ पायीं और अब विभागीय पेच में ये योजना फंसती दिख रही हैं. इसके कारण छूटे हुए टोलों के लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा.

375 वार्डों में डीप बोरिंग कर पानी की आपूर्ति करनी है

मुंगेर जिले की छूटी हुई पंचायतों के वार्ड, टोलाें एवं बसावटों में सात निश्चय के तहत 375 हर घर नल का जल योजना को पीएचईडी ने स्वीकृति दी है. इसके लिए जिला ऑफिस ने डीपीआर तैयार कर मुख्यालय को भेजा, ताकि इसका टेंडर कर चयनित एजेंसी के माध्यम से डीप बोरिंग कर जलमीनार से पाइप लाइन के माध्यम से घर-घर शुद्ध पानी पहुंच सके. इस योजना के पूरा होने से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के छूटे हुए गांवों के गामीणों को पानी मिलेगा.

पहले चुनाव अब विभागीय पेच में फंसती जा रहीं योजनाएं

बताया जाता है कि जो डीपीआर तैयार किया गया है, उसके अनुसार एक योजना पर एवरेज 30 लाख रुपये खर्च आयेगा. यानी 375 योजनाओं पर 98 करोड़ का खर्च आयेगा. पीएचईडी ने इन योजनाओं की स्वीकृति देकर इसके टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी. 48 ग्रुप में टेंडर होना था, लेकिन किसी कारणवश 10 ग्रुप का टेंडर रद्द कर दिया गया. इसके बाद 38 ग्रुप में इसका टेंडर किया जाना था, लेकिन लोकसभा चुनाव को लेकर जारी आदर्श आचार संहिता के कारण टेंडर की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गयी. आदर्श आचार संहिता खत्म हुए 15 दिन से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन अब तक इसके टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायीहै. विभाग की मानें तो ये 375 योजनाएं विभागीय पेच में फंस गयी हैं. आने वाले दो-तीन दिनों में पटना मुख्यालय से 48 ग्रुप में होने वाले टेंडर की प्रक्रिया को भी रद्द कर दिया जाएगा. सूत्रों की मानें तो अभी तक मुख्यालय से इस योजना मद में राशि का आवंटन नहीं किया गया है. योजना का एक बार फिर से डीपीआर तैयार होगा और उसके बाद राशि का आवंटन एवं टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसमें अभी ओर कई महीने का समय लग सकता है.

जिले में संचालित 800 योजनाओं में 87 हैं बंद

जिले में पीएचईडी के अधीन 800 योजनाएं संचालित हो रही हैं. इनमें से 87 योजनाएं ऐसी हैं, जिससे लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. कहीं टंकी टूटी पड़ी है, तो कहीं फाउंडेशन टूट गया है. कहीं मोटर खराब है, तो कहीं बोरिंग फेल है.

प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा- छूटे हुए बसावटों में पहुंचाएं पानी

18 जून को प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह ने पीएचईडी के कार्यपालक अभियंताओं की विशेष बैठक बुलायी थी. इसमें आयुक्त ने सभी कार्यपालक अभियंताओं से छूटे हुए टोलों, वार्डों, बसावटों में जहां नल जल योजना ली गयी है, उसकी समीक्षा की. अभियंताओं ने बताया कि टेंडर की प्रक्रिया की जा रही है. आयुक्त ने निर्देश दिया कि छूटे हुए नल जल योजना के क्रियान्वयन के लिए टेंडर से संबंधित सभी प्रक्रिया, एकरारनामा एवं कार्यादेश संबंधी सभी प्रक्रिया अधिकतम दो माह के अंदर में हर हाल में पूर्ण कर योजनाओं को क्रियान्वितकरें.

टेंडर की प्रक्रिया चल रही : कार्यपालक अभियंता

पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता अभिरंजन ने बताया कि जिले के छूटे हुए बसावटों में डीप बोरिंग कर पेयजलापूर्ति के लिए 375 योजनाएं ली गयी हैं. इनका डीपीआर तैयार कर लिया गया है और योजना की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है. इनके टेंडर की प्रक्रिया चल रही है.

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