बरहरवा. राज्यभर में म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) पेंडिंग को देखते हुए सूबे के सीएम चंपाई सोरेन ने कड़ा निर्देश दिया है. उन्होंने अधिकारियों से हर हाल में म्यूटेशन में तेजी लाने को कहा है. इसका पालन भी हो रहा है. आचार संहिता समाप्ति के बाद तेजी भी आयी है. लंबित म्यूटेशन के लिये राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग का पोर्टल चेक किया गया, तो पाया कि पूरे जिले में 1581 म्यूटेशन पेंडिंग है. इसमें सबसे अधिक राजमहल में 615 म्यूटेशन पेंडिंग है. उसके बाद उधवा में 504 म्यूटेशन तथा बरहरवा में 456 म्यूटेशन पेंडिंग हैं. वहीं, जिले में पिछले 30 दिनों से अधिक समय से 236 तथा 90 दिनों से अधिक समय से 40 म्यूटेशन पेंडिंग है. कर्मचारियों व अधिकारियों की लेटलतीफी का खामियाजा भुगत रहे लोग जमीन की खरीद-बिक्री के बाद जब दाखिल-खारिज करने के लिये लोग ऑनलाइन आवेदन करते हैं, तो वे आशा करते हैं कि इस काम से जुड़े कर्मचारी व अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझ कर जल्द इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे और उन्हें उनकी जमीन की रसीद मिल जायेगी, लेकिन इसके विपरीत अंचल कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते लोगों के चप्पल तक घिस जाते हैं. कई जमीनों की म्यूटेशन में कथित बिचौलिये भी काम कर रहे हैं. इस तरह कर्मचारियों व अधिकारियों की लेटलतीफी का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है. अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद उनके आवेदन पर जल्दी काम नहीं होता है. जानकारी के अनुसार, यदि तय समय सीमा आवेदन पर काम नहीं किया जाता है, तो राईट टू सर्विस एक्ट के तहत संबंधित कर्मचारी या पदाधिकारी पर कार्रवाई किये जाने का भी प्रावधान है. क्या कहते हैं एसी अपर समाहर्ता राज महेश्वरम ने कहा कि जिले में पेंडिंग म्यूटेशन में तेजी आयी है. लंबित आवेदनों को शीघ्र निष्पादित करने का निर्देश दिया गया है. अगर तय समय सीमा के अंदर निष्पादित नहीं होता है, तो संबंधित कर्मचारी पर राईट टू सर्विस एक्ट के तहत फाईन अथवा विभागीय कार्रवाई का भी प्रावधान है. जिले के अंचलों में पेंडिंग म्यूटेशन की स्थिति अंचल कुल पेंडिंग 30 दिनों से अधिक की पेंडेंसी 90 दिनों से अधिक की पेंडेंसी उधवा 504 13 08 बरहरवा 456 199 32 राजमहल 615 20 0 तालझारी 2 2 0 बोरियो 1 1 0 साहिबगंज 2 0 0 सा. खासमहाल 1 1 0 पतना 0 0 0 मंडरो 0 0 0 (ये आंकड़ें झारभूमि वेबसाईट से 24 जून 2024 को लिये गये है.)
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