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एक एप से जुड़ेंगे सभी एंबुलेंस नेटवर्क

बिहार में अधिक दुर्घटना वाले क्षेत्रों से एंबुलेंस और अस्पताल को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. राज्यभर में लगभग 14 जिले ऐसे हें, जहां सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं.

संवाददाता, पटना

बिहार में अधिक दुर्घटना वाले क्षेत्रों से एंबुलेंस और अस्पताल को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. राज्यभर में लगभग 14 जिले ऐसे हें, जहां सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं. अगर इन क्षेत्रों घायलों को सही समय पर अस्पताल पहुंचा दिया जाये, तो गंभीर रूप से घायल हुए व्यक्ति को आराम से बचाया जा सकता है.परिवहन विभाग के मुताबिक हाइवे के किनारे या शहरों के आसपास के अस्पतालों में मौजूद सभी एंबुलेंस भी जरूरत पड़ने पर मरीजों को पहुंचाने जा सकेंगे. विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों को दिशा निर्देश भेजा है.

ट्रॉमा सेंटर को पहले से मिलेगी खबर

विभाग के मुताबिक नये नेटवर्क के तहत जिस ट्रॉमा सेंटर को जोड़ा जायेगा.इसमें पीएमसीएच सहित सभी मेडिकल कॉलेज रहेंगे. वहीं, निजी अस्पतालों को भी जोड़ा. यह निजी ऐसे अस्पताल होंगे,जो हाइवे के किनारे या आसपास में है. जब एंबुलेंस इन्हें लेकर किसी ट्रॉमा सेंटर में इलाज के लिए जायेगी,तो वहां इसके पूर्व घटना की जानकारी दे दी जायेगी.

इन जिलों में होती है अधिक दुर्घटना : राज्य में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं कैमूुर, सुपौल, बक्सर, मधेपुरा, कटिहार, बांका, भोजपुर, अरवल, सीवान, खगड़िया, शिवहर, गोपालगंज, शेखपुरा, मुजफफरपुर, रोहतास, नालंदा, मधुबनी, औरंगाबाद, जमुई, पूर्णिया में हो रही है.

एंबुलेंस की टैगिंग होगी : राज्य के सरकारी अस्पतालों को एक एप से जोड़ा जायेगा, ताकि आपातकालीन स्थिति में घायलों को अस्पताल तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं हो. इसके लिए एंबुलेंस की टैगिंग होगी. इसको लेकर विभागों को दिशा-निर्देश भेजा गया है. अधिकारियों के मुताबिक एंबुलेंस का मापदंडाें के अनुसार नियमित ऑडिट होगा, ताकि एंबुलेंस की स्थिति बेहतर रहे .

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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