बरही.
बरही में बालू की किल्लत हो गयी है. बालू घाटों की नीलामी नहीं होने के कारण नदी से बालू निकालने पर रोक लगी हुई है. ट्रैक्टर वाले चोरी छुपे नदी से बालू उठा कर बेचने निकलते थे, तो पुलिस पकड़ लेती थी. ट्रैक्टर चालक पुलिस की नज़र बचा कर बालू आम खरीदारों के घर तक पहुंचा दे रहे थे. अब 10 जून से बालू मिलना बिल्कुल ही बंद हो गया है. एनजीटी ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक के लिए घाटों से बालू के निकाले पर पूर्णता रोक लगा दिया. बरही अंचलाधिकारी ने देवचंदा मोड़ के पास चेक नाका बना दिया है. 24 घंटे पुलिस व विशेष दंडाधिकारी की ड्यूटी लगी रहती है. बालू के अभाव में आम लोगों को घर बनाने में परेशानी हो गयी है.अबुआ आवास के लाभुक भी परेशान :
बरही प्रखंड में 922 अबुआ आवास के लाभुक हैं. इन्हें आवास निर्माण के लिए पहले किश्त की राशि मिल चुकी है. 10 जून से पहले लाभुक किसी तरह बालू इंतेज़ाम कर निर्माण कर ले रहे थे. अब निर्माण आगे बढ़ाने को लेकर चिंतित हैं. बरही प्रखंड के अबुआ आवास समन्यवक कमलेश कुमार ने बताया कि एनजीटी लगने के बाद अबुआ आवास के निर्माण के लिए बालू उपलब्ध कराने का कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है. बरही अंचलाधिकारी रामनारायण खलखो ने बताया कि आम आदमी या अबुआ आवास के लिए स्थानीय स्तर से बालू उपलब्ध कराने का कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश उच्चाधिकारियों से प्राप्त नहीं हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है