जिले में मंगलवार से ई-शिक्षाकोष एप के माध्यम से शिक्षकों ने हाजिरी बनाना शुरू कर दिया है. युवावर्ग के शिक्षकों ने मोबाइल से हाजिरी बनाने के शिक्षा विभाग के आदेश का स्वागत किया है, तो दूसरी तरफ पुराने शिक्षकों को मोबाइल के माध्यम से हाजिरी बनाना आसानी से हजम नहीं हो रहा है. ऐसे शिक्षकों ने बताया कि उनलोगों को मोबाइल चलाने में भी परेशानी है, ऐसी स्थिति में एप से हाजिरी बनाना कठिन कार्य लग रहा है. फिर भी वे लोग एप से हाजिरी बनाने के लिए सीख रहे हैं. इधर, पहले दिन जिले के 1878 स्कूलों में एप के माध्यम से शिक्षकों को हाजिरी बनानी थी. जिसमें 638 स्कूलों के शिक्षकों ने हाजिरी बनायी. 1240 स्कूलों में एप के माध्यम से हाजिरी बनाना संभव नहीं हो सका. जबकि जिले के 11719 शिक्षकों को एप के माध्यम से हाजिरी बनानी थी, जिसमें 444 शिक्षकों ने सफलतापूर्वक सेल्फ अटेंडेंस बनाया और 1112 शिक्षकों ने मार्क ऑन ड्यूटी किया. जबकि 10,163 शिक्षक एप के
माध्यम से हाजिरी नहीं बना सके.कई जगह एप स्लो काम करने की समस्या सामने आयी
बड़ी संख्या में शिक्षकों को एप के माध्यम से हाजिरी कैसे बनाना है, यह समझ में ही नहीं आ रहा था. दूसरी तरफ कई स्कूलों में इंटरनेट काम नहीं करने की समस्या भी सामने आयी, तो कुछ ऐसे भी शिक्षक थे जिन्होंने कहा कि हाजिरी बनाने में पांच से दस मिनट का समय लग जा रहा था. एप काफी स्लो काम कर रहा था. मालूम हो कि डीईओ राजकुमार शर्मा ने इस अभियान को शुरू करने से पूर्व ही कहा था कि शिक्षक एप से हाजिरी बनाना सीख लें. एक माह तक ट्रायल लिया जाएगा फिर इसे अंतिम रूप से लागू कर दिया जाएगा. इधर विभिन्न शिक्षक संगठनों ने ऑन लाइन हाजिरी का विरोध किया है. शिक्षक नेताओं ने कहा कि पुराने शिक्षक एप्प से हाजिरी बनाने में सक्षम नहीं हैं. कई शिक्षक ऐसे हैं जिनके पास स्मार्ट फोन भी नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है