गिरिडीह.
गिरिडीह के कोयला खनन क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण के लिए जन केंद्रित परिवर्तन रणनीतियों को प्रदर्शित करने के लिए टेरी, नयी दिल्ली द्वारा स्कोर लाइवलीहुड फाउंडेशन और रुद्रा फाउंडेशन के साथ मिलकर एक पायलट परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. उद्देश्य कोयला आधारित अर्थव्यवस्था वाले क्षेत्रों में महिलाओं को जागरूक कर व आवश्यक प्रशिक्षण (वित्तीय साक्षरता, व्यवसायिक विचार व तकनीकी प्रशिक्षण) प्रदान कर उनके स्वामित्व वाले उद्यमों की स्थापना कर उन्हें सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से जोड़ना है. इसी क्रम में इन महिलाओं को नाबार्ड के सहयोग से गठित संयुक्त देयता समूह से जोड़कर विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण देकर उद्यम स्थापना की गयी है. इन उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए मंगलवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. मौके पर मुख्य अतिथि नाबार्ड के डीडीएम आशुतोष प्रकाश ने कहा कि जन केंद्रित परिवर्तन जैसी योजनाएं काफी सराहनीय हैं, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके. नाबार्ड भी कृषि और गैर कृषि उत्पाद से जुड़े लोगों की मदद करने का काम करता है. टेरी से जयंतो मित्रा ने कहा कि कोयला आधारित अर्थव्यवस्था में जुड़े हुए परिवारों को वैकल्पिक आय के साधन उपलब्ध कराना इस परियोजना का उद्देश्य है. जेएसएलपीएस के राकेश ने कहा कि जेएसएलपीएस भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृत संकल्पित है. रुद्रा फाउंडेशन के सैयद सबी अशरफ ने कहा कि रुद्र फाउंडेशन लगातार दशकों से किसानों, मजदूरों, महिलाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रह है. कार्यक्रम को स्कोर फाउंडेशन के जनार्दन सिंह, प्रशांत ओझा तथा टेरी के अपूर्व सिंह ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में रुद्रा फाउंडेशन के संतोष कुमार पांडेय, शंकर कुमार राय, संतोष सिन्हा, सुमित कुमार, मोप प्रशिक्षक सत्येंद्र सिन्हा, सिलाई प्रशिक्षक वीणा गुप्ता, अगरबत्ती प्रशिक्षक मिथिलेश कुमार, मीरा देवी, ललिता देवी, रोशनी देवी, यशोदा देवी, बबिता कुमारी, सुमा कुमारी आदि मौजूद थीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है