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जिले के 15 हजार से अधिक किसानों के बीच लैंड पोजिशन नक्शा का होगा वितरण

जिले के 15 हजार से अधिक किसानों के बीच लैंड पोजिशन नक्शा का होगा वितरण

खगड़िया. 60 राजस्व ग्राम के लगभग 15 हजार किसानों के बीच एलपीएम यानि लैंड पोजिशन मैप वितरण होगा. एलपीएम पर किसानों के जमीन का संपूर्ण ब्योरा यानि जमीन का नक्शा खेसरा, खाता, रकवा के साथ-साथ चौहद्दीदार का नाम अंकित रहेगा. प्रत्येक खेसरा के लिए अलग-अलग एलपीएम बांटे जायेंगे. जिला बंदोबस्त पदाधिकारी अरुण कुमार झा ने एलपीएम वितरण को लेकर शिविर प्रभारी को निर्देश दिये हैं. एलपीएम वितरण को लेकर राजस्व ग्रामवार तिथि निर्धारित कर दी गयी है. 157 मौजा में चल रहा जमीन का सर्वे जिले के चार अंचल क्रमशः गोगरी, अलौली, बेलदौर तथा चौथम अंचल के 157 मौजा में जमीन के सर्वे जारी है. छह मौजा में तकनीकी कारण से खानापूरी का काम पूरा नहीं हो पाया है, जबकि शेष 151 मौजा में खानापूरी का काम पूर्ण हो चुका है. पूर्व में 91 राजस्व ग्राम के भू-धारियों के बीच एलपीएम का वितरण किया जा चुका है. जानकार बताते हैं कि जमीन के सर्वेक्षण का एक महत्वपूर्ण कार्य खानापूरी है. खानापूरी के तहत भू-धारी/जमाबंदी रैयत से प्राप्त जमीन के कागजात व स्थलीय जांच की जाती है. खानापूरी कार्य पूर्ण होने के बाद भू- धारी के प्रत्येक खेसरा का नक्शा बनाकर उस पर जमीन का पूर्ण विवरण यानि खाता, खेसरा, रकवा, चौहद्दीदार का नाम अंकित कर वितरण किया जाता है. एलपीएम वितरण बाद होगा खतियान का प्रारुप प्रकाशन जिला बंदोबस्त पदाधिकारी ने कहा कि एलपीएम वितरण के उपरांत प्रारूप का प्रकाशन ( भू-धारी से प्राप्त आपत्ति का निराकरण/सुनवाई करते हुए) होगा. प्रारूप प्रकाशन के बाद पुनः रैयतों से आपत्ति ली जायेगी. प्राप्त आपत्ति के आलोक में शिविर प्रभारी सुनवाई करेंगे. बताया गया कि एक माह के भीतर रैयत आपत्ति कर सकेंगे. वहीं शिविर प्रभारी दो महीने के भीतर सुनवाई पूरी करेंगे. इसी तरह प्रारूप प्रकाशन के उपरांत फाइनल प्रकाशन किया जायेगा. अगर किसी रैयत को आपत्ति होगी तो तीन महीने के भीतर वे जिला बंदोबस्त पदाधिकारी के समक्ष आपत्ति दर्ज करा सकेंगे. रैयत से प्राप्त होने वाले आपत्ति का सुनवाई तीन माह के भीतर करने का प्रावधान है. कब तक बन सकेगा खतियान उल्लेखनीय है कि खगड़िया जिले में 1902 में खतियान व नक्शा बना था. इतने लंबे अर्से के बाद फिर से जिले में जमीन का सर्वे कराया जा रहा है. पहले चरण में चार अंचल के 157 राजस्व में सर्वे का काम चल रहा है. हालांकि इस जिले शुरुआत धीमी रही है. इसके कारण जमीन सर्वेक्षण का काम पूर्ण नहीं हो पा पाया है. जानकार बताते हैं कि सभी मौजा में कार्य पूर्ण होने में अभी और वक्त ( अगले साल जून महीने के बाद) लगेगा. बताया जाता है कि 15 राजस्व ग्राम में फाइनल प्रारूप का प्रकाशन हुआ है. इन मौजा में जिला बंदोबस्त पदाधिकारी के द्वारा सुनवाई की जायेगी/जा रही है. उम्मीद है कि इस साल के अंत तक इन राजस्व ग्राम में सर्वे कार्य पूर्ण हो जायेगा. वहीं 77 राजस्व ग्राम में प्रारूप प्रकाशन हुआ है. सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले साल के आरंभ में यहां भी खतियान बनकर तैयार हो जायेगा. वहीं 60 मौजा यानि जहां अभी- अभी खानापूरी का कार्य पूर्ण हुआ है. यहां खतियान बनने में 9-12 महीने तक का समय लग जायेगा. ———— जिले के चार अंचल क्रमशः गोगरी, अलौली, बेलदौर तथा चौथम अंचल के 157 मौजा में जमीन के सर्वे जारी है. पूर्व में 91 राजस्व ग्राम में भू-धारियों के बीच एलपीएम का वितरण किया जा चुका है. हाल के दिनों में 60 राजस्व ग्राम में खानापूरी का कार्य पूर्ण कर लिया है. अब इन सभी राजस्व ग्राम के भू-धारियों के बीच एलपीएम बांटे जायेंगे. अरुण कुमार झा, बंदोबस्त पदाधिकारी, खगड़िया

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