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चंदा इकट्ठा कर शिक्षकों को वेतन देते हैं ग्रामीण

हावड़ासरकारी सुविधाओं से वंचित और शिक्षकों की कमी झेल रहे बागनान स्थित छयानी गुजरात उच्च प्राथमिक विद्यालय की स्थिति को सुधारने के लिए ग्रामीण पूरी मेहनत कर रहे हैं.

संवाददाता, हावड़ा

सरकारी सुविधाओं से वंचित और शिक्षकों की कमी झेल रहे बागनान स्थित छयानी गुजरात उच्च प्राथमिक विद्यालय की स्थिति को सुधारने के लिए ग्रामीण पूरी मेहनत कर रहे हैं. स्कूल में पहले की तरह विद्यार्थियों की संख्या हो सके, इसके लिए सिर्फ ग्रामीण ही नहीं, बल्कि स्थानीय सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी आगे आये हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि शिक्षा में राजनीति नहीं होनी चाहिए. स्कूल की स्थिति ठीक होने से उनके घर के भी बच्चे पढ़ेंगे. बहरहाल, सभी की कोशिश के बाद स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या चार से बढ़कर अब 62 हो गयी है.

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2009 में तत्कालीन वाममोर्चा सरकार ने यहां कक्षा पांच से आठवीं तक की पढ़ाई के लिए तीन स्थायी शिक्षकों के साथ स्कूल खोला था. दो वर्ष के अंदर विद्यार्थियों की संख्या लगभग 200 हो गयी. लेकिन एक-एक कर तीनों शिक्षकों का तबादला होने से स्कूल की स्थिति बिगड़ती चली गयी. वर्ष 2018 में तीसरे शिक्षक के तबादले के कुछ महीनों बाद ही विद्यार्थियों की संख्या घटकर चार हो गयी.

ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पत्र लिखा, लेकिन स्थायी तौर पर शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई. शिक्षा विभाग ने यहां पार्ट टाइम शिक्षक भेज दिया, लेकिन इससे हालात नहीं बदले. स्कूल बंद होने की नौबत आ गयी. ऐसी स्थिति में कुछ ग्रामीण आगे आये और स्कूल को बचाने का बीड़ा उठाया. उन्होंने शिक्षा विभाग से अनुमति लेकर चंदा इकट्ठा करके पांच शिक्षकों की नियुक्ति की. ये शिक्षक इसी गांव के रहने वाले युवक-युवती हैं, जो कम वेतन लेकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. ग्रामीणों की मेहनत रंग लायी और वर्तमान में विद्यार्थियों की संख्या बढ़कर 62 पहुंच गयी है. स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या बढ़े, इसके लिए राजनीतिक दल के नेता आसपास के गांवों के प्राथमिक विद्यालय में जाकर वहां के हेडमास्टर से पांचवीं कक्षा में बच्चों को एडमिशन लेने की गुजारिश भी करते हैं.

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