Bihar: बिहार के आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधा आसानी और सहज तरीके से मुहैया किया जा सके इसके लिए सरकार की ओर से मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना प्रदेश में प्रभावी है. इस योजना के तहत बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा और जांच वगैरह को डिजिटल मोड पर ले जाना है.
सरकार का मानना है कि इस योजना के माध्यम से स्वास्थ्य व्यवस्था और आमजनों का हेल्थ रिकार्ड डिजिटल माध्यम में उपलब्ध हो जाएगा तो भविष्य में स्वास्थ्य नीति के निर्माण में काफी सहूलियत मिलेगी.
पांच वर्षों के लिए लागू की गई इस योजना के वित्तीय वर्ष 2024-25 में सफल संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 17.55 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं.
300 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, वर्ष 2022-23 से राज्य में मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना लागू किया गया है. बता दें कि इस योजना का कार्यकाल 2026-27 तक है. पूरी योजना पर करीब तीन सौ करोड़ रुपये खर्च किए जाने का प्रावधान है.
अभी तक 100 करोड़ हो चुके हैं खर्च
राज्य सरकार के अनुसार इस वर्ष योजना के रखरखाव और परिचालन के लिए 17.55 करोड़ रुपये खर्च हो सकती है जिसको देखते हुए राशि स्वीकृत कर दी गई है. योजना के शुरुआती काल से अब तक इस पर सौ करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
प्रत्येक जिले में योजना पूरी तरह से प्रभावी हो जाने के बाद सभी अस्पतालों में सातों दिन 24 घंटे आपातकालीन चिकित्सा सुविधा और विशेषज्ञ डाक्टरों का परामर्श मिलने लगेगा. प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य की मॉनीटरिंग आसानी से हो सकेगी.
अगर पूरी तरह से यह डिजिटल योजना राज्य में प्रभावी हो जाएगा उसके बाद रोगियों को इलाज के लिए अपने साथ इलाज के दस्तावेज लेकर नहीं आने होंगे. महज एक क्लिक पर डाक्टर उनकी पूरी स्वास्थ्य कुंडली देख सकेंगे.