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Baba Baidyanath Dham: सावन के महीने में में देवघर में लाखों शिवभक्तों का होता है समागम

देवघर के बाबाधाम में सावन के महीने में "हर हर महादेव" और "बम भोले" के नारे लगाते हुए शिव भक्तों की कतार लगी रहती हैं. बाबा बैद्यनाथ की महिमा निराली हैं. यहां पर देश विदेश से लोग जल अर्पण करने आते है. बाबा की नगरी का महत्व इसलिए भी है की वे अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते है.

Baba Baidyanath Dham: हर साल सावन के दिनों को शुरुआत में “हर हर महादेव” व “बोल बम” के का नारे लगाते कांवरियों की लाइन लगी रहती है. सावन के महीने में बाबा बैद्यनाथ धाम की महत्ता बहुत बढ़ जाती है. आस्था का सैलाब यहां उमड़ पड़ता है.

देश-विदेश से बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक करने आते हैं भक्त

यहां देश विदेश से लाखों श्रद्धालु जल अर्पित करने आते हैं. झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ के मंदिर के लिए कावड़िया दुम्मा क्षेत्र से बाबा नगरी के लिए प्रवेश करते है. जो की झारखंड के बॉर्डर पर है. यहां पर ऐसी मान्यता है कि पुराने समय में भगवान शिव जहां-जहां प्रकट हुए, वहां-वहां शिवलिंग को ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है.

बाबा की महिमा है निराली

बाबा की महिमा बड़ी निराली है. बाबा बैद्यनाथ का खास महत्व इसलिए भी है कि वे अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. इसलिए इसे मनोकामना लिंग भी कहते हैं. यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग है, जहां शिव के साथ शक्ति भी विराजमान हैं. कहा जाता है की सबसे पहले भगवान राम ने सुल्तानगंज से जल भरकर देवघर तक की कांवड़ यात्रा की थी. इसके बाद से यह परंपरा शुरू हुई. गंगा को शिवप्रिया भी कहा गया है.

105 किलोमीटर की दूरी से जल लेकर आते हैं कांवरिया

कांवरिया बिहार के सुल्तानगंज से जल लेकर 105 किलोमीटर की लंबी पैदल यात्रा तय करते हैं. सुल्तानगंज से जल लेकर नाचते-गाते बाबा बैद्यनाथ के धाम की ओर प्रस्थान करते हैं. प्रशासन की ओर से खास सुविधाएं दी जातीं हैं. कुछ भक्त दंड प्रणाम करते हुए या दंडवत करते हुए सुल्तानगंज से बाबा के दरबार तक पहुंचते हैं. कांवरियों की भीड़ को नियंत्रित करने और उन्हें सुगमतापूर्वक जलाभिषेक करवाने के लिए कतारबद्ध करवाया जाता है. कई बार यह कतार 10 किलोमीटर से अधिक लंबी भी हो जाती है.

कांवरियों के लिए कांवरिया पथ पर फैलाई जाती है गंगा की मिट्टी

इस बार कांवड़ियों की श्रद्धा भक्ति को देखकर झारखंड सरकार की ओर से यहां पर मखमली मिट्टी को गंगा से लाकर यहां रास्तों में डाला गया है. जिससे कावड़ियों को खाली पैर चलने में कोई परेशानी न हो. बाबा बैद्यनाथ धाम में कावड़ियो के लिए हर प्रकार की व्यवस्था की जाती है जिससे उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो.

देवघर में होता है भव्य श्रावणी मेला का आयोजन

सावन के दिनों में यहां पर श्रावणी मेला बाबा के नाम को समर्पित है ज्योतिर्लिंग में सावन के महीने में कड़ी सुरक्षा के बीच भक्तो को जलार्पण करवाया जाता है. व सीसीटीवी के माध्यम से पूरे मेला क्षेत्र में नजर रखी जा रही है. स्वास्थ्य शिविर और ओपी पूर्ण रूप से एक्टिव मोड में कार्यरत है. शिवगंगा में एनडीआरएफ की टीम भक्तों की सुरक्षा का ध्यान रखती है.

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