नागेश्वर, बोकारो: जामुन विशुद्ध रूप से भारतीय फल है. सभी लोग इसके स्वाद से परिचित हैं. यह एक मौसमी फल है. लेकिन स्वाद से भरपूर इस फल में कई औषधीय गुण भी मौजूद हैं, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं. यह एक अम्लीय प्रकृति का फल है पर यह स्वाद में मीठा होता है. जिसमें भरपूर मात्रा में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज पाया जाता है. इस फल में लगभग वे सारे जरूरी लवन पाए जाते हैं जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है. इसके साथ साथ इसकी खेती से किसानों को भी कई फायदा होता है.
जामुन के फायदे:
- पाचन क्रिया के लिए जामुन बहुत फायदेमंद होता है. जामुन खाने से पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं.
- मधुमेह के रोगियों के लिए जामुन एक रामबाण उपाय है. जामुन के बीज सुखाकर पीस लें. इस पाउडर को खाने से मधुमेह के मरीजों को काफी फायदा होता है.
- जामुन में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर से बचाव में कारगर होते हैं. इसके अलावा पथरी की रोकथाम में भी इसका सेवन फायदेमंद होता है. इसके बीज को बारीक पीसकर पानी या दही के साथ लेना चाहिए.
- अगर कोई दस्त से परेशान हो तो जामुन को सेंधा नमक के साथ खाना फायदेमंद रहता है. खूनी दस्त होने पर भी जामुन के बीज बहुत फायदेमंद साबित होते हैं.
- दांत और मसूड़ों से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान में जामुन का बीज फायदेमंद होता है. इसे पीसकर इस्तेमाल करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं.
- जामुन में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम होता है. आयुर्वेद में जामुन को खाना खाने के बाद खाने की सलाह दी जाती है.
- जामुन के लकड़ी का भी कोई जबाव नहीं है. यह एक बेहतरीन इमारती लकड़ी होने के साथ साथ पानी में लंबे समय तक रह सकता है. यानी कि यह खराब नहीं होता है. अगर इस फल की मोटी लकड़ी का टुकड़ा पानी की टंकी में रख दें तो टंकी में शैवाल नहीं जमती.
क्या कहते हैं वैद्य संगठन के जिला अध्यक्ष
बोकारो जिला वैद्य संगठन के जिला अध्यक्ष खुलेशवर महतो ने कहा कि जामुन के फल में औषधीय गुणों का भंडार छिपा है. जिन जल स्रोतों के किनारे जामुन के पेड़ लगे होते हैं वह पानी हमेशा साफ रहता है. इसकी वजह ये है कि इसके पत्ते में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं. यही वजह है कि गांव में कुंआ के किनारे अक्सर जामुन के पेड़ लगाए जाते हैं. इसकी लकड़ी जल्दी सड़ता नहीं है. ये पानी में लंबे समय तक रह सकता है. इसका इस्तेमाल नाव बनाने में होता है.
खुलेशवर महतो आगे कहते हैं कि जामुन का फल न सिर्फ औषधीय गुणों से भरपूर है बल्कि किसानों के लिए भी उतना ही अधिक आमदनी देने वाला फल है. इसके पेड़ नदियों और नहरों के किनारे मिट्टी के क्षरण को रोकने के लिए कारगर साबित होता है. हालांकि अभी तक व्यवसायिक तौर पर योजनाबद्ध तरीके से जामुन की खेती बहुत कम देखने को मिलती है. देश के अधिकांश हिस्सों में अनियोजित तरीके से ही किसान इसकी खेती करते हैं. अधिकतर किसान इस फल से होने वाले फायदे और इसके मार्केट के बारे में जानकारी नहीं रखते. यही कारण है कि जामुन व्यवसायिक खेती से दूर हैं. जबकि सच्चाई यह है कि जामुन के फलों को अधिकतर लोग पसंद करते हैं और इसके फल को अच्छी कीमत में बेचा जाता है. इसकी खेती से लाभ की असीमित संभावनाएं हैं. इसका प्रयोग दवाओं को तैयार करने में किया जाता है, साथ ही जामुन से जेली, मुरब्बा जैसी खाद्य सामग्री तैयार की जाती है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.