समस्तीपुर : समाहरणालय के सभा कक्ष में शिक्षा विभाग एवं क्षमतालय फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को वेल बीइंग आधारित ””””हौसला”””” कार्यक्रम को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला हुई. कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने किया. इसमें जिले के सभी प्रखंडों में पदस्थापित 100 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान) मानवेंद्र कुमार राय ने कहा कि शिक्षक अपने दैनिक जीवन में उत्पन्न तनाव, उलझन व दबाव को संतुलित कर पाएंगे. शिक्षक अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए तकनीकों और अभ्यासों को खोज और पहचान कर पाएंगे. व्यक्तिगत और व्यवसायिक वृद्धि के साथ पारस्परिक संबंधों को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से रेसिलिएंस, अंतर्निर्भरता और भावनात्मक संज्ञान से परिचय और अभ्यास करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सकारात्मक मानसिकता को विकसित करना जरूरी है. इससे संपर्क में आने वाले लोगों को सकारात्मक ऊर्जा का संचार और कार्य में भी गुणवत्ता लाने में सहायक होता है. डीपीओ ने कहा कि शिक्षकों में शैक्षिक और गैर-शैक्षिक कार्यों कि वजह से तनाव का शिकायत होना आम बात हो गया है. इसकी वजह से बच्चों के पठन-पाठन कि प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पर रहा है. इसको ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने दूसरी बार क्षमतालय के सौजन्य से हौसला कार्यक्रम का आयोजन किया. उन्होंने कहा कि 21 दिनों तक चलने वाले इस मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर आधारित आडियो कार्यक्रम में शिक्षक अपने दैनिक जीवन में उत्पन्न तनाव, उलझन, दबाव को संतुलित कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि मन की खोज आधुनिक जीवन का मूल सूत्र है. क्षमतालय की पूजा सिंह ने सभी शिक्षकों से प्रश्नोत्तरी के माध्यम से एक दूसरे का विचार साझा करते हुए शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य और खुद के प्रति स्वीकार्यता पर प्रकाश डाला. अभिषेक ने हौसला कार्यक्रम के महत्व तथा उसकी रूपरेखा से परिचय कराया मौके पर शिक्षक श्याम बाबू सिंह, रवि रौशन, मिथिलेश कुमार, आसिफ अंसारी, पूजा कुमारी, अंजलि कुमारी, भावना, सीमा यादव आदि उपस्थित रहे.
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