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जेयू में रैगिंग की घटना पर आधारित बांग्ला वेब सीरिज का प्रसारण जल्द

लगभग 10 महीने पहले कथित तौर पर सीनियर्स द्वारा रैगिंग के कारण जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के 17 वर्षीय छात्र की मौत हो गयी थी.

कोलकाता. लगभग 10 महीने पहले कथित तौर पर सीनियर्स द्वारा रैगिंग के कारण जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के 17 वर्षीय छात्र की मौत हो गयी थी. इस घटना से न केवल बंगाल, बल्कि पूरा देश हिल गया था. मामले में 13 छात्रों को गिरफ्तार किया गया. इस घटना की जांच जारी है. अब इस घटना को लेकर निर्देशक सायंतन घोषाल बांग्ला वेब सीरीज ””””बिजॉया”””” बना रहे हैं. इस भयावह घटना से समाज को जागरूक करने के लक्ष्य से यह वेब सीरिज बनायी जा रही है. इसमें अभिनेत्री स्वास्तिका मुखर्जी पीड़ित छात्र की मां की भूमिका निभायेंगी. पांच जुलाई से स्ट्रीम होने वाली वेब सीरीज में इस सामाजिक समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है. गत वर्ष 10 अगस्त को हुई इस रैगिंग की घटना के मामले में प्रारंभिक रिपोर्ट से संकेत मिला कि छात्र विश्वविद्यालय के मुख्य छात्रावास की दूसरी मंजिल से गिर गया था. हालांकि, आगे की जांच से यह आशंका बढ़ गयी है कि उसे बालकनी से धक्का देने का प्रयास किया गया या उसे विवश किया गया, जिसमें कथित तौर पर वरिष्ठ छात्र शामिल थे. इस घटना की जांच अभी भी जारी है. जादवपुर विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा स्वास्तिका कहती हैं कि यह घटना काफी दुखद है. उन्होंने कहा : यह वह विश्वविद्यालय नहीं था, जिसे मैं जानती थी. हर किसी की तरह, मैं भी अंदर तक हिल गयी. जब इस सीरिज में काम करने का प्रस्ताव मिला और पता चला कि यह रैगिंग पर आधारित है, तो वह ””””बिजॉया”””” करने के लिए तैयार हो गयीं. हर बात भले ही सुर्खियां न बनें, लेकिन शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग की घटनाएं जारी रहती हैं. स्वास्तिका कहती है : ””””बिजॉया”””” में, मैं एक मां की यात्रा और अपने बेटे के लिए न्याय मांगने के लिए उसके संघर्ष व उसके दर्द को महसूस कर सकती हूं. यही मेरा किरदार होगा. वास्तव में, ”बिजॉया” के निर्माण के दौरान, प्रत्येक क्रू सदस्य को यह उम्मीद थी कि वेब श्रृंखला की स्ट्रीमिंग से मामले में तेजी आ सकती है और प्रशासन और कानूनी प्रणाली को प्रथम वर्ष के स्नातक छात्र के माता-पिता को न्याय दिलाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है. स्वास्तिका ने कहा : अगर ””””बिजॉया”””” रैगिंग की ओर ध्यान वापस दिला सकती है और 17 वर्षीय इस छात्र के माता-पिता को शीघ्र न्याय दिलाने में मदद कर सकती है, तो यह हमारी बड़ी जीत होगी.

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