बड़कागांव.
वॉलीवुड से जुड़े एसके सचिन की गजलों का तीसरा संग्रह धड़कनों की जुबां काफी पसंद की जा रही है. इस पुस्तक में उनकी 101 गजलें संकलित है. वैसे सचिन फिल्मकार हैं. गीत व गजल लिखने का भी शौक रखते हैं. उन्होंने अपने अनुभवों को गजलों के माध्यम से व्यक्त किया है. इसमें सामाजिक समस्याओं का चित्रण अधिक किया है. इसके पूर्व उनके दो गजल संग्रह आइना जिंदगी और अंधेरे में जुगनू है. पुस्तक यूनिक फील क्रिएशन पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया है. बड़कागांव के सांढ़ गांव के निवासी हैं. आसपास के ग्रामीण जीवन व यहां की सामाजिक समस्याओं को कई फिल्मों में फिल्माया गया है. उनकी फिल्मों में आ भी जाओ पिया, ठरकी, मैं ससुराल नहीं जाऊंगी…दर्शकों ने पसंद किया है. अपनी फिल्मों में गीत भी लिखे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है