जिला सदर अस्पताल कर रहा एन्क्वास सर्टिफिकेशन की तैयारी
6 विभागों को किया गया है शामिल अस्पताल की बदलेगी तस्वीरकिशनगंज.राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एन्क्वास) कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल का और अधिक विकास हो सकेगा. जिसकी तैयारी सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग तथा पिरामल की टीम के द्वारा की जा रही है. सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि एन्क्वास सर्टिफिकेशन के लिए जिला स्वास्थ्य समिति और पिरामल द्वारा सदर अस्पताल पर फोकस किया जा रहा है. जिसके लिए सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन की अध्यक्षता में सदर अस्पताल को सर्टिफिकेशन के लिए लक्षित किया गया है, उसके बाद अन्य संस्थानों पर फोकस किया जाएगा. साथ ही जिला पदाधिकारी श्री तुषार सिंगला के दिशानिर्देश के अनुसार स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध सुविधाओं का अंकेक्षण करते हुए चिन्हित कमियों को दूर किया जा रहा है. बहुत जल्द राज्य स्तरीय निरक्षण टीम द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करते हुए वहां मरीजों के लिए उपलब्ध गुणवत्ता आश्वासन मानक की जांच की जाएगी.
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को शून्य करने में स्वास्थ्य संस्थानों की सराहनीय भूमिका: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आम जनमानस यानी ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने की जिम्मेवारी हम सभी की होती है. संस्थागत और सुरक्षित प्रसव को लेकर अस्पतालों में सभी तरह की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होने चाहिए. जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जाती है. जिसमें राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक लक्ष्य कार्यक्रम एवं कायाकल्प योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है. ताकि प्रसव के दौरान मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को शून्य किया जा सकता है.प्रमाणीकरण के लिए 6 विभागों पर किया जा रहा है फोकस
सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने बताया की एन्क्वास के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कम से कम 6 विभाग को शामिल करना होता है . विभाग एसएनसीयू , लेबर रूम, सामान्य प्रशासन ( हेल्थ मैनेजर) कार्यालय, रिकॉर्ड), ओपीडी , ब्लड बैंक, रेडियोलॉजी को सुदृढ़ करके प्रमाणीकरण प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है.तीन स्तर पर होगी रैंकिंग
प्रभारी जिला सलाहकार गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी सुमन सिन्हा ने बताया की एन्क्वास सर्टिफिकेशन के लिए सदर अस्पताल का तीन स्तर पर है की होगी. पिरामल की आंतरिक टीम पिछले सप्ताह सदर अस्पताल आई थी और मूल्यांकन किया था.पहले स्तर पर सहकर्मी मूल्यांकन (पीयर एसेसमेंट) किया जाएगा. उसके बाद राज्य टीम और अंत में राष्ट्रीय टीम मूल्यांकन करेगी. राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन होने के बाद ही एन्क्वास सर्टिफिकेशन प्राप्त होगा. प्रमाणीकरण के लिए हो रहे कार्यों का आरपीएम स्तर से सीधे निगरानी की जा रही है.प्रमाणीकरण होने पर मिलेगा सर्टिफिकेट एवं 50 लाख रुपए
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम ने बताया इनका सर्टिफिकेशन होने के बाद सदर अस्पताल को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एन्क्वास) कार्यक्रम के तहत अस्पताल को अब 50 लाख रुपये इंसेंटिव प्राप्त होगा जिसका उपयोग अस्पताल के उन्नयन में किया जा सकेगा. जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों सहित आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) में भी चिकित्सीय व्यवस्था में बेहतर सुधार किया जा रहा है. गुणात्मक सुधार में जिलाधिकारी और सिविल सर्जन सहित कई अन्य अधिकारियों के दिशा निर्देश और मार्गदर्शन के तहत स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. ताकि ग्रामीण स्तर पर संस्थागत और सुरक्षित प्रसव को सहज और सरल और तरीके से कराया जा सके. इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों के प्रयास से स्वास्थ्य केंद्रों के बेहतर क्रियान्वयन में बहुत सफलता भी मिल रही है. संस्थागत और सुरक्षित प्रसव में कायाकल्प योजना, लक्ष्य कार्यक्रम और राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है