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दिनकर की रचनाएं गौरव के साथ पढ़ी जातीं हैं : त्रिपाठी

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 50वीं पुण्य स्मृति वर्ष पर नेतरहाट आवासीय विद्यालय सभागार में ''रश्मिरथी पर्व'' का आयोजन किया गया.

लातेहार. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 50वीं पुण्य स्मृति वर्ष पर नेतरहाट आवासीय विद्यालय सभागार में ””””रश्मिरथी पर्व”””” का आयोजन किया गया. उद्घाटन झारखंड चैप्टर के स्पिक मैके अध्यक्ष व झारखंड के चीफ कंजरवेटिव पदाधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने किया. मौके पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविताएं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय देश के कोने-कोने में अत्यंत गौरव के साथ पढ़ी और गायी जाती थी. उनकी ओजस्वी वाणी लोगों को आजादी की लड़ाई में सर्वस्व न्योछावर करने के लिए प्रेरित करती थी. वहीं स्वतंत्रता के बाद उन्होंने अपनी रचनाओं से नये भारत के निर्माण की प्रेरणा दी. फिल्म निर्माता असीम सिन्हा ने कहा कि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास और राष्ट्रकवि दिनकर प्रतिष्ठान, साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक उत्थान के लिए दिनकर जी के विचाराें को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है. दिनकर अध्येता गौतम चौधरी ने कहा कि दिनकर सार्वभौम सत्य के कवि हैं. विद्यालय के प्राचार्य संतोष कुमार ने कहा कि राष्ट्रकवि दिनकर भारत के लोकप्रिय कवि थे, उनकी रचनाओं से समाज का समस्त कल्याण हो रहा है. वाटर बैंक के अध्यक्ष साकेत कुमार ने कहा कि राष्ट्रकवि दिनकर की रश्मिरथी रचना बेहद लोकप्रिय और उपयोगी है. राष्ट्रकवि दिनकर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष व दिनकर के पौत्र ऋत्विक उदयन ने कहा प्रकाश को प्रकाश से मिलता है और उस प्रकाश को प्रकाश दिनकर से मिलता है. कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका नेतरहाट आवासीय विद्यालय के गणित के शिक्षक अभिषेक मिश्रा व हिंदी के शिक्षक नागेंद्र मंडल की सराहनीय भूमिका रही.

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