वरीय संवाददाता जमशेदपुर
जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र में नक्शा विचलन कर हुये निर्माण तोड़े जायेंगे. झारखंड हाइकोर्ट ने शहर में नक्शा विचलन मामले में जमशेदपुर अक्षेस को निर्देश दिया है कि बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर में पार्किंग बहाल करने के अलावा अवैध निर्माणों को ( नक्शा से ज्यादा हुये निर्माण) को जमशेदपुर अक्षेस कब गिरा रही है. इस पर विस्तृत हलफनामा दायर करे. गुरुवार को झारखंड हाइकोर्ट में न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय और न्यायाधीश दीपक रौशन की पीठ ने जनहित याचिका 2078 /2018 की सुनवाई की. सुनवाई के दौरान अदालत ने जमशेदपुर अक्षेस के अधिवक्ता से पूछा कि अक्षेस ने सील किये गये, कितने भवनों में अवैध निर्माणों को गिराया है. इसपर अक्षेस के अधिवक्ता ने अदालत के समक्ष स्वीकार किया कि पिछले 14 सालों में किसी भी अवैध निर्माण को तोड़ा नहीं गया है. सिर्फ 35 बेसमेंट खाली कराये गये हैं. लगभग 1800 अवैध निर्मित भवनों में पहले 46 भवनों को सील किया. अब अक्षेस का दावा है कि उसने और 62 भवनों को सील किया है. पर किसी भी भवन में अवैध निर्माण को तोड़ा नहीं है. अब मामले की सुनवाई 31 जुलाई को होगी. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव, रोहित सिन्हा, निर्मल घोष और एम आई हसन ने सुनवाई में हिस्सा लिया.31 मार्च 2011 को सील हुई थी एचडीएफसी बैंक की बिल्डिंग
साकची-105 एसएनपी एरिया स्थित एचडीएफसी बैंक की बिल्डिंग तोड़ने मामले में गुरुवार को झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. एचडीएफसी बैंक ने हाइकोर्ट में आवेदन देकर कहा कि उक्त भवन में वह 2008 से किरायेदार हैं. जून, 2024 में बिना किसी नोटिस के अक्षेस उक्त भवन को गिराने चली आयी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि एचडीएफसी बैंक अदालत में झूठ बोल रही है. जमशेदपुर अक्षेस ने बताया कि 31 मार्च 2011 को अदालत के आदेश पर भवन को सील किया था. अदालत ने अक्षेस के अधिवक्ता से पूछा कि एचडीएफसी बैंक के अवैध रूप से निर्मित भवन में 13 वर्षों तक व्यवसाय कैसे चलाने दिया. अक्षेस के अधिवक्ता ने कहा कि अदालत के आदेश पर अक्षेस ने सील हटा ली थी.याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को टाटा स्टील और जुस्को को पार्टी बनाने का निर्देश
अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने अदालत को आगे बताया कि जमशेदपुर अक्षेस ने 1800 अवैध भवनों में सिर्फ 28 को कम्पलीशन सर्टिफिकेट दिया है. जबकि टाटा स्टील और जुस्को ने म्युनिसिपल कानून की धारा 440 का उल्लंघन कर सभी अवैध बने भवनों में बिजली और पानी का कनेक्शन उपायुक्त की सहमति से दिया. अतः अदालत उपायुक्त को यह निर्देश दे कि वे म्युनिसिपल कानून का टाटा स्टील और जुस्को से पालन करवायें.
सेंटर प्वाइंट के अधिवक्ता को एसडीएम की रपट हलफनामे में दायर करने का निर्देश
सुनवाई के दौरान बिष्टुपुर सेंटर प्वाइंट के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उनके भवन भी गिराये जा सकते हैं. जबकि एसडीएम ने उनके भवन की जांच की और कोई विचलन नहीं पाया. वे एसडीएम की जांच रपट को अदालत में दायर करेंगे. इसपर अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने आश्चर्य व्यक्त किया किया कि एसडीएम कैसे जांच कर सकती हैं और सेंटर प्वाइंट के पक्ष में रपट दे सकती हैं. सेंटर प्वाइंट ने सेट बैक नहीं छोड़ा है और 100% से ज्यादा निर्माण किया है. अवैध निर्माण गिराया जाना चाहिये. अदालत ने सेंटर प्वाइंट के अधिवक्ता से एसडीएम की रपट एक हलफनामे के द्वारा दायर करने का निर्देश दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है