रांची. राज्य में आठ पॉलिटेक्निक संस्थानों को चलाने का जिम्मा प्रेझा फाउंडेशन (पेन आइआइटी एलुमुनी रिच र झारखंड फाउंडेशन) को दिया गया है. पीपीपी मोड पर इन पॉलिटेक्निक संस्थानों को चलाने का जिम्मा मिला है. इनमें राजकीय पॉलिटेक्निक खूंटी, चतरा, लोहरदगा, हजारीबाग, जामताड़ा, गोड्डा, बगोदर व पलामू शामिल हैं. इनके लिए राज्य सरकार ने 77.60 करोड़ रुपये जारी किये हैं. सभी जगहों पर राज्य सरकार द्वारा भवन निर्माण कराया गया है. फाउंडेशन द्वारा पूर्व से आइटीआइ थड़पकना और आठ नर्सिंग कॉलेज चलाने का संचालन किया जा रहा है. प्रेझा के अध्यक्ष टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक, विकास आयुक्त सहित अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव हैं. राज्य सरकार द्वारा प्रेझा फाउंडेशन के साथ हुए समझौता के तहत गरीब छात्रों को अध्ययन के लिए बैंक के माध्यम से शत-प्रतिशत ऋण की व्यवस्था कर छात्रों को नियोजन के बाद ऋण की अदायगी की व्यवस्था नियोक्ता के माध्यम से इएमआइ द्वारा भी करायी जायेगी. राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक कौशल विद्या इंटरप्रेन्योरशिप, डिजिटल एंड स्किल यूनिवर्सिटी अधिनियम के तहत संचालन के लिए प्रेझा फाउंडेशन को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है. प्रेझा फाउंडेशन में पेन आइआइटी की 60 व राज्य सरकार की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है. फाउंडेशन दो वर्ष के डिप्लोमा कोर्स के बाद छात्रों के लिए एक वर्ष का ऑन जॉब ट्रेनिंग की व्यवस्था करेगा. सरकार फाउंडेशन को तीन फेज में 77.60 करोड़ रुपये देगी. हरेक संस्थान को 9.70 करोड़ दिये गये हैं. फेज-01 में चार करोड़, फेज-02 में तीन करोड़ व फेज-03 में 2.70 करोड़ रुपये हरेक संस्थान को मिलेंगे.
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