एसएनएमएमसीएच की सेंट्रल इमरजेंसी में स्ट्रेचर की कमी के कारण मरीजों को जमीन पर बैठना पड़ रहा है. इमरजेंसी के माइनर ओटी में इलाज कराने के बाद वार्ड तक जाने के लिए मरीजों को स्ट्रेचर नहीं मिल रहा है. ऐसे में मरीजों को जमीन पर बैठा दिया जा रहा है. घंटों जमीन पर बैठकर इंतजार करने के बाद स्ट्रेचर मिलने पर उन्हें वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है. गुरुवार को बलियापुर के रहने वाले राज किशोर बास्की सड़क दुर्घटना में घायल होकर इमरजेंसी पहुंचे. माइनर ओटी में उनका प्राथमिक इलाज किया गया. वार्ड में शिफ्ट करने के लिए स्ट्रेचर खाली नहीं था. इस कारण उन्हें माइनर ओटी के बाहर जमीन पर बैठा दिया गया. लगभग आधे घंटे के बाद दूसरे मरीज को वार्ड शिफ्ट कर स्ट्रेचर लेकर पहुंचे वार्ड बॉय मरीज को लेकर गये. बता दें कि इमरजेंसी के लगभग 10 स्ट्रेचर खराब पड़े हुए है. इसकी मरम्मति के लिए अबतक कोई कवायद नहीं शुरू हुई है. हालांकि, खानापूर्ति के लिए दूसरे वार्ड से तीन स्ट्रेचर दिये गये हैं. इमरजेंसी में मरीजों के पहुंचने की संख्या अधिक होने के कारण स्ट्रेचर कम पड़ जा रहे हैं.
मरीज को गोद में उठाकर ले जाते हैं स्वास्थ्यकर्मी :
स्ट्रेचर के अभाव में एसएनएमएमसीएच पहुंचने वाले मरीजों के इलाज में भी देर हो रही है. समय पर स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं होने के कारण एंबुलेंस से पहुंचे मरीजों को गाड़ी में ही लंबा समय इंतजार करना पड़ रहा है. मरीज की स्थिति गंभीर होने पर स्वास्थ्यकर्मी गोद में उठाकर उन्हें माइनर ओटी तक लाते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है