Bihar Tourism: वैसे तो बिहार राज्य अपनी मधुबनी पेंटिंग, अशोक के शिलालेख, महाबोधि मंदिर, नालंदा के खंडहर और राजगीर में मौजूद विश्व शांति स्तूप जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है. हर साल लाखों लोग यहां घूमने आते हैं. पर बिहार में घूमने के लिए और भी कई ऐसी जगहें हैं, जहां जाकर लोगों को सुकून और शांति मिलती है. इन्हीं में से एक मशहूर टूरिस्ट स्पॉट है, ककोलत जलप्रपात. यहां लोग ठंडे पानी के झरने का लुत्फ उठाने आते हैं. कोकोलत जलप्रपात से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं,जो इसे खास बनाती है.
Bihar Tourism: कहां है ककोलत जलप्रपात
बिहार के नालंदा जिले में मौजूद ककोलत जलप्रपात, अपने ठंडे पानी के झरने के लिए पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है. यह झरना बिहार का सबसे बड़ा जलप्रपात है, जिसकी ऊंचाई करीब 150 फीट है. यह जलप्रपात राजधानी पटना से करीब 133 किमी दूर है. यहां आप ट्रेन, बस, ऑटो या हवाई मार्ग के माध्यम से आ सकते हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक इस झरने को लेकर कई लोग कथाएं प्रचलित हैं.
Bihar Tourism: क्या है ककोलत की खासियत
अपने मनमोहक दृश्यों और सुरम्य नजारों के लिए मशहूर ककोलत जलप्रपात चारों ओर से हरियाली से घिरा हुआ है. यह जलप्रपात भारत के सबसे अच्छे जलप्रपातों में से एक है. प्राचीन कथाओं के अनुसार ऋषि के श्राप के कारण एक राजा अजगर बन गया था और झरने के अंदर ही रहता था. ककोलत को लेकर एक और कथा प्रचलित है कि यहां अपनी रानियों को लेकर भगवान श्रीकृष्ण स्नान करने आते थे. ककोलत बेहद खूबसूरत जगह है, जहां आने के 1 किलोमीटर पहले से ही आपको ठंड महसूस होने लगेगी. यहां आकर आपको ऐसा लगेगा कि आप बिहार के अंदर कश्मीर का मजा ले रहे हैं. यह जलप्रपात अपने अदम्य सुंदरता और ऊंचाई से गिरते पानी की ख़ूबसूरती के कारण एक आकर्षक पर्यटन स्थल है. इसे लोग “नियाग्रा ऑफ बिहार” के नाम से भी जानते हैं. यह जलप्रपात एक पहाड़ी के पास मौजूद है, जिसके चारों तरफ जंगल हैं. यहां का नजारा आंखों को ठंडक और दिल को सुकून पहुंचाता है. इस झरने के आस-पास का माहौल काफी शांत, आकर्षक और बेहतरीन है. ककोलत जलप्रपात गर्मी से राहत के लिए पर्यटकों की पसंदीदा जगह है. यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक पिकनिक मनाने और ठंडे पानी में नहाने आते हैं. ककोलत जलप्रपात कुदरत का नायाब तोहफा है जिसकी सुंदरता मन को मोह लेती है.
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