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Bhagalpur News: खाली चकरी घूमी रहलो छै, कुछ पता नय चलय छै रे भाय

ऑनलाइन अटेंडेंस: कहीं नेटवर्क की समस्या तो कहीं स्लो काम कर रहा एप

– ऑनलाइन अटेंडेंस: कहीं नेटवर्क की समस्या तो कहीं स्लो काम कर रहा एप

– कहीं छत पर चढ़कर तो कहीं हाथ ऊपर उठा कर अटेंडेंस बनाने का प्रयास कर रहे शिक्षक

ऑनलाइन अटेंडेंस की प्रक्रिया जिले के उम्रदराज और मोबाइल से ज्यादा मतलब नहीं रखने वाले शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. विद्यालय आने के साथ ही शिक्षक मोबाइल निकाल कर अटेंडेंस बनाने की जुगत में जुट जाते हैं. तकनीकी रूप से एक्सपर्ट शिक्षक एवं युवा शिक्षक पांच से दस मिनट में अटेंडेंस बना ले रहे हैं तो बांकी शिक्षक अटेंडेंस के लिए स्कूल के युवा शिक्षकों की ओर उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं. कई शिक्षक ऐसे हैं जो बार-बार समझाने के बावजूद अटेंडेंस नहीं बना पा रहे हैं. कुछ ऐसे भी शिक्षक हैं, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है.

जानतिहै त 2004 में मुखिया जी क नय कही देतिहै

ग्रामीण क्षेत्र के एक विद्यालय का कुछ ऐसा नजारा है. स्कूल में छुट्टी हो चुकी थी, लेकिन विभाग का निर्देश है कि ऑनलाइन हाजिरी बना कर ही स्कूल छोड़ना है. ऐसे में एक उम्रदराज शिक्षक ऑफिस में बैठ कर बाेल रहे हैं, है की होलै, खाली चकरी घूमी रहलौ छै, कुछ पता नय चलय छौ रे भाय, जानतिहै कि इ दिन देखै ल पड़तै त, मुखिया जी क नय कही देतिहै. एक शिक्षक ने चुटकी लेते हुए कहा, अभी क्या हुआ है रिजाइन कर दीजिए. फिर उम्रदराज शिक्षक ने कहा, आबे संभव नय छौ. जिले के कई स्कूलों में इन दिनों ऐसी स्थिति देखी जा रही है. कहीं पर शिक्षक स्कूलों के छत पर चढ़ कर अटेंडेंस बनाने की कोशिश कर रहे हैं तो कहीं पर हाथ उठा कर मोबाइल को नेटवर्क में लाने का प्रयास कर रहे हैं.

करते रहिये हो जाएगा

ईशिक्षाकोष से सबसे ज्यादा परेशानी एप के स्लो काम करने से आ रही है. कई शिक्षकों की उपस्थिति नहीं बन सकी. शिक्षकों ने पूरा प्रोसेस किया लेकिन अंत तक फाइनल रिजल्ट नहीं आया और एप खुद को वर्किंग शो करते रहा. दो शिक्षिका शनिवार को एप के बारे में सम्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए बीआरसी पहुंची थी लेकिन यहां भी पूरा प्रोसेस करने के बाद जब अटेंडेंस नहीं बना तो सक्षम कर्मी ने कहा, प्रयास करते रहिये, हो जाएगा.

कहते हैं पदाधिकारी

भागलपुर जिला प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डाॅ शेखर कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में नेटवर्क की स्थिति ठीक नहीं है तो दूसरी तरफ एप भी स्लो काम कर रहा है. बिना प्रशिक्षण के शिक्षकों को ऑनलाइन अटेंडेंस के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए. ऑनलाइन अटेंडेंस के लिए प्रत्येक विद्यालयों में इंटरनेट की सम्यक व्यवस्था होनी चाहिए. फिर इस तरह के नियम को लागू करना चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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