कल्याणपुर : चकमेहसी परिसर में शनिवार को थानाध्यक्ष दिव्य ज्योति व अपर थानाध्यक्ष शम्भू सिंह ने नये आपराधिक कानून 2023 के बारे में जानकारी दी. यह 1 जुलाई 2024 से लागू होगा. प्रेसवार्ता में थानाध्यक्ष ने बताया कि मानव अधिकारों व मूल्यों को केंद्र में रखा गया है. नये कानून में अब भारतीय दंड संहिता 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लेगा. इसमें आमलोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. अपने मोबाइल ऐप व्हाट्सएप से भी आवेदन कर सकते हैं. आपराधिक घटना होने पर स्थानीय लोग इसकी सूचना पुलिस को दें. घटनास्थल पर किसी प्रकार का छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए. घटनास्थल पर पुलिस पहुंच कर अपने स्तर से साक्ष्य लेगी. इससे पुलिस को न्याय दिलाने में मदद मिलेगी. यदि जघन्य अपराध हो तो फॉरेंसिक टीम को बुलाकर घटनास्थल से साक्ष्य लेने में फॉरेंसिक टीम को आसान व सटीक विश्लेषण हो पायेगा. प्रेसवार्ता में बताया कि अब 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चे व अधिक उम्र के वृद्ध व्यक्तियों को किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होने पर पुलिस गिरफ्तार नहीं करेगी. अगर गिरफ्तार करना उचित समझा जायेगा तो इसके लिए वरीय पुलिस पदाधिकारी का आदेश लेना अनिवार्य होगा. नये कानून में पुलिस एवं पब्लिक के बीच क्या भूमिका होगी, इस पर भी चर्चा की गई. तलाशी और जब्ती के दौरान वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी के लिए बिहार पुलिस के सभी अनुसंधानकर्ता लैपटॉप व मोबाइल उपलब्ध तत्परता से करना निर्धारित होगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है