– निजी ट्यूबवेल से पटवन कर किसान धान के बिचड़ों को बचाने के लिए कर रहे जद्दोजहद
डुमरांव. शनिवार की दोपहर में एकाएक मौसम के बदलाव से किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौटने लगी थी, किसानों को ऐसा लग रहा था कि अब बारिश का भरपूर साथ मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. जिससे एक बार फिर किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गयी. वही शनिवार की हुई बारिश को डुमरांव में रविवार की सुबह 8 बजे 1.08 एम एम दर्ज की गयी, इलाके के किसान मोहन तिवारी, दया शंकर तिवारी, भोला तिवारी, सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि जून माह भी बीत गया लेकिन अभी तक किसानों को पानी की असुविधा से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. रविवार को इलाके के विभिन्न क्षेत्रों में आसमान में बादल छाए रहने के दौरान हल्की-हल्की बारिश दोपहर में भी हुई. जिससे खेतों में थोड़ी नमी बन गयी है. लोगों ने बताया कि शनिवार की दोपहर में इलाके के एकाध जगहों पर ही कुछ देर के लिए बारिश हुई थी, बाकी जगहों पर तो यह बारिश टीपटाप होकर रह गयी. जिससे किसानों के खेतों में डाले गए धान के बिचडो़ को बचाने के लिए निजी ट्यूबवेल से पटवन करने में जद्दोजहद करनी पड़ रही है. इलाके के कुल्हवां गांव के किसान मनीष सिंह ने बताया कि हमारे यहां तो खेती बारिश और निजी ट्यूबवेल के सहारे हीं होती है. अभी तक झमाझम बारिश तो हुई हीं नही, जिसके कारण किसानों को दिनरात खेतों में मेहनत करने के बाद डाले गए धान के बिचड़ों को बचाने के लिए निजी ट्यूबवेल से पटवन करना पड़ रहा है जिसके चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कृषि विभाग के द्वारा इस बार प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में धान की खेती का लक्ष्य 10288 हेक्टेयर में रखा गया है, तो वही बिचडा़ डालने का लक्ष्य 1160 हेक्टेयर में रखा गया है. बारिश को लेकर किसान सलाहकार दिलीप शर्मा ने बताया कि शनिवार को डुमरांव में हुई बारिश को रविवार की सुबह 8 बजे 1.08 एमएम दर्ज की गयी, जब कि 20 जून को 15.06 एम और 25 जून को सुबह 8 बजे 1.8 एम एम बारिश दर्ज की गयी थी.
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