21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जीएसटी के सात साल:आम लोगों पर कम हुआ कर का बोझ,कारोबार भी हुआ सुगम

एक जुलाई, 2024 को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू हुए सात वर्ष हो जायेगा. इस अवधि में एक तरफ जहां आम लोगों पर कर का भार कम हुआ, तो दूसरी तरफ कारोबारियों के लिए कारोबार आसान हुआ है.

संवाददाता,पटना एक जुलाई, 2024 को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू हुए सात वर्ष हो जायेगा. इस अवधि में एक तरफ जहां आम लोगों पर कर का भार कम हुआ, तो दूसरी तरफ कारोबारियों के लिए कारोबार आसान हुआ है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, जीएसटी के कार्यान्वयन से अधिकतर रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में कमी आयी है. जैसे: (ए) आटा (पूर्व-पैकेज्ड नहीं), (बी) दही (पूर्व-पैकेज्ड नहीं), (सी) छाछ (पूर्व-पैकेज्ड नहीं), (डी) सौंदर्य प्रसाधन, (इ) टेलीविजन, (एफ) रेफ्रिजरेटर और अन्य आइटम.इस दौरान राज्य सरकार के राजस्व में भी पहले की तुलना में वृद्धि हुई है. कई केंद्रीय और राज्य करों को एक कर में समाहित किया गया : जीएसटी ने कई केंद्रीय और राज्य करों को एक कर में समाहित कर दिया है. इसने बड़े पैमाने पर कैस्केडिंग या दोहरे कराधान के दुष्प्रभावों को कम किया है और एक आम राष्ट्रीय बाजार के लिए रास्ता तैयार किया है. उपभोक्ताओं के दृष्टिकोण से, सबसे बड़ा लाभ वस्तुओं पर समग्र कर बोझ में कमी के संदर्भ में है.जीएसटी के लागू होने से उत्पादन की मूल्य शृंखला में इनपुट करों के पूर्णतः समाप्त हो जाने के कारण भारतीय उत्पाद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी बन गये हैं. छोटे घरों की खरीद पर लगने वाला टैक्स भी हुआ कम: किफायती आवास (60 वर्ग मीटर से अधिक नहीं के कारपेट एरिया वाली आवासीय इकाइयों के लिए फ्लोर एरिया अनुपात का कम से कम 50% उपयोग करने वाली आवासीय परियोजना) के लिए, मार्च 2019 में आयोजित जीएसटी परिषद की बैठक में, प्रभावी जीएसटी दरों को 8% की प्रभावी दर से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) के बिना 1% तक घटा दिया गया था. 5% की स्टांप ड्यूटी मानते हुए, कुल कर का बोझ 13% से घटकर 6% हो गया, जिससे संभावित घर खरीदारों के लिए लागत में उल्लेखनीय कमी आयी. जीएसटी नयी और अच्छी कर व्यवस्था है: केपीएस केसरी बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रेसिडेंट केपीएस केसरी ने बताया कि जीएसटी एक नयी और अच्छी कर व्यवस्था है. कई तरह के कर, केंद्रीय और स्थानीय को एक साथ कर दिया गया है. लेकिन अभी भी यह कर व्यवस्था अभी तक स्थाई नहीं हो सकी है.लगातार संशोधन किये जा रहे हैं.इस कारण से छोटे कारोबारियों को परेशानी भी हो रही है. वहीं,टैक्सेशन बार एसोसिएशन के महासचिव संजय पांडेय ने बताया कि अभी सीजीएसटी और एसजीएसटी में एकरूपता नहीं है.इस कारण से कारोबारियों को परेशानी होती है,हालांकि, यह एक अच्छी कर व्यवस्था है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें