कोलकाता. सिटी बस अर्बन बस सर्विसेज ने बसों का किराया बढ़ाने की मांग को लेकर परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती को पत्र लिखा है. संगठन का दावा है कि 2018 में आखिरी बार किराया बढ़ाया गया था. लॉकडाउन ने निजी परिवहन ढांचे को पूरी तरह से तबाह कर दिया. पत्र में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में निजी बसों की लागत में बेतहाशा वृद्धि हुई है. मेंटेनेंस खर्च भी बढ़ा है. ईंधन की कीमतों में भी 30 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है. पुलिस 100 से 500 रुपये तक जुर्माना लगाती है. कुछ मामलों में 800 रुपये से पांच हजार रुपये तक जुर्माना होता है. इसके अलावा अन्य खर्चें भी हैं. ऐसी स्थिति में किराया वृद्धि ही एकमात्र रास्ता है. संगठन के महासचिव टीटो साहा ने कहा कि कोलकाता और उपनगरों के बीच 4200 निजी बसें चलती हैं. कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश के चलते 15 वर्ष से अधिक पुरानी बसें एक अगस्त से नहीं चलेंगी. इससे कोलकाता शहर में निजी बसों की संख्या एक झटके में कम हो जायेगी. ऐसे में यदि परिवहन विभाग बस किराया बढ़ाने पर कोई निर्णय नहीं लेता है, तो बस सेवा चरमरा जायेगी.
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