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रिश्वतखोरी के आरोपी राजस्व कर्मचारी को 10 साल कैद, 1 लाख रुपये जुर्माना, 8 साल चली सुनवाई

दाखिल खारिज की रसीद काटने के बाद देने के एवज में 10 हजार रुपये मांगने के मामले में राजस्व कर्मचारी को 26 जून को कोर्ट ने दोषी करार दिया था. मामले में सोमवार को सजा सुनाई गई

Bihar News: खगड़िया जिला में आठ साल पहले घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार किये गये तत्काली राजस्व कर्मचारी कैलाश रजक को 10 साल कारावास की सजा सुनाई गयी है. अभियोजन की ओर से दावा किया जा रहा है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भागलपुर स्पेशल विजिलेंस कोर्ट जोकि 18 जिलों के निगरानी मामलों पर सुनवाई करती है, उसमें यह पहली सजा है. अभियोजन की ओर से यह भी दावा किया जा रहा है कि बिहार राज्य में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत संभवत: यह सबसे बड़ी सजा सुनाई गयी है.

इन धाराओं में सुनाई गई सजा

मामले की सुनवाई भागलपुर व्यवहार न्यायालय के विशेष निगरानी अदालत एडीजे 5 सुदेश कुमार श्रीवास्तव की अदालत में चली. जिसमें विगत 26 जून को ही घूसखोरी के आरोपित खगड़िया जिला के अलौली अंचल के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी को कोर्ट ने दोषी करार दिया था. जिसके बाद सोमवार को मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई की. जिसमें भ्रष्टाचार निवाराण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत अधिकांश 7 साल कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माना और धारा 13(2) सहपठित धारा 13 (1)(डी) के तहत 10 साल कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गयी. साथ ही साथ दोनों धाराओं में अर्थदंड की राशि जमा नहीं कराने पर कारावास की अवधि 3-3 माह बढ़ाने का निर्देश दिया गया है.

आठ साल चली सुनवाई

मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विजिलेंस एक्ट के स्पेशल पीपी रामबदन कुमार चौधरी और प्रभात कुमार ने बहस में हिस्सा लिया. लोक अभियोजकों ने बताया कि मामले में 8 साल तक चली सुनवाई के दौरान कुल 13 गवाहों को कोर्ट में उपस्थित करा उनकी गवाही करायी गयी. जिसमें विजिलेंस के कुल 3 डीएसपी रैंक के पदाधिकारियों को भी बतौर गवाह कोर्ट में उपस्थित कराया गया.

क्या था मामला

खगड़िया जिला के अलौली अंचल स्थित स्थित शैन गांव के रहने वाले ग्रामीण संदीप प्रसाद ने विगत 18 जुलाई 2016 को निगरानी थाना, पटना को आवेदन देकर शिकायत की थी. जिसमें उन्होंने उल्लेख किया था कि उन्होंने अपने भाई के नाम से जमीन की खरीद की थी. जिसका दाखिल खारिज रशीद वह कटवाने के लिए अंचल गये थे. जहां अंचल के राजस्व कर्मचारी कैलाश रजक के पास पहुंचे. जहां उन्होंने जमीन का दाखिल खारिज रशीद कटवा भी लिया. पर रसीद की प्रति देने के नाम पर कर्मचारी कैलाश रजक ने उनसे 10 हजार रुपये बतौर घूस मांगा. उस वक्त पैसा नहीं होने की बात कह कर वह निकल गये.

इसके बाद उन्हें कैलाश राजक ने खगड़िया के सदर थाना क्षेत्र स्थित पोस्ट ऑफिस रोड में अपने किराये के मकान में बुलाया था. पर वह घूस देने को तैयार नहीं थे. इसके बाद उन्होंने निगरानी थाना को आवेदन लिखा. उक्त आवेदन पर निगरानी अन्वेशन ब्यूरो की ओर से डीएसपी तारणी प्रसाद यादव के नेतृतव में धावा दल का गठन किया गया, जोकि 22 जुलाई को कार्रवाई को खगड़िया पहुंची.

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धावा दल में शामिल एएसआइ भीम सिंह को सूचक संदीप प्रसाद के साथ 10 हजार रुपये के साथ राजस्व कर्मचारी के किराये के मकान पर गये. जहां आवेदक ने उन्हें पैसे कम करने को कहा. जिसपर राजस्व कर्मचारी ने जवाब दिया, आप अपने हैं इसलिए 10 हजार मांग रहे हैं, कोई दूसरा होता तो ज्यादा की मांग करते. इस बात पर संदीप प्रसाद ने उन्हें पैसे निकाल कर दिया. इसी दौरान उनके साथ मौजूद एएसआइ ने राजस्व कर्मचारी को रंगेहाथ 10 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया था.

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