जामताड़ा. प्रखंड के चिरुडीह मदरसा में झारखंड प्रदेश मोमिन कांफ्रेंस के जामताड़ा जिला इकाई की ओर से मदरसा प्रांगण में छात्र-छात्राओं के बीच चित्रांकन, वाद विवाद, भाषण व क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. मौके पर मोमिन कॉन्फ्रेंस के प्रदेश सचिव मौलाना अब्दुल रकीब रहमानी मुख्य रूप से शामिल हुए. मौके पर उन्होंने मोमिन कॉन्फ्रेंस के संस्थापक अब्दुल कय्यूम अंसारी की जीवनी पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि उनके आदर्श पर चलकर ही देश तरक्की की मिसाल कायम कर सकता है. वे राष्ट्रीय एकता, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक सद्भाव के पुजारी थे. बिहार के डेहरी ऑन सोन में 1 जुलाई 1905 को जन्मे महान स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक संगठन मोमिन कॉन्फ्रेंस के सूत्रधार को कभी भूलाया नहीं जा सकता. वे पिछड़े मुसलमानों के हित के लिए हमेशा आंदोलन करते रहे. समाज सेवी मो फैयाज अंसारी ने मोमिन कॉन्फ्रेंस के संस्थापक अब्दुल कय्यूम की जीवनी को लेकर कहा कि उन्हें अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाने के जुर्म में महज 16 साल की उम्र में जेल की हवा खानी पड़ी. वे सच्चाई की जीत पर विश्वास रखते थे. उन्होंने भारत पाकिस्तान के बंटवारे पर भारतीय मुसलमानों को भारत में ही रहने का अनुरोध किया था. मौके पर हाफिज शमीम अख्तर, कारी अलीमुद्दीन, रहमतुल्लाह अंसारी, नमाजी अंसारी आदि मौजूद थे.
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