कटिहार. रविवार की देर रात से मानसून की झमाझम बारिश से एक ओर जहां लगातर पड़ रही भीषण गमी व चिलचिलाती धूप से राहत मिली है. दूसरी ओर इस बारिश से किसानों के चेहरे की रौनक लौटने लगी है. ऐसा इसलिए कि जून माह में कम बारिश होने के कारण जहां धान रोपनी का कार्य काफी कम हो पाया था. मानसून की बारिश से किसानों के खेतों में धान रोपनी की गूंज सुनाई देने लगी. इस बारिश से सूखी खेतों में पानी का उपयोग कर कादो के बाद धान लगाने में किसान जुट गये हैं. सोमवार को दलन पूरब, पश्चिम, भवाड़ा समेत कई जगहों पर किसानों ने खेत तैयार कर जहां धान लगाने में तेजी दिखाना शुरू कर दिया. इस दौरान अधिक पैमाने पर धान रोपनी के कार्य होने से मजदूरों की किल्लत से किसान जरूर परेशान आयें. जिनके खेत तैयार कर धान रोपनी शुरू करवा रहे थे. उनके खेतों में कई तरह के धान रोपनी के गीत गूंजने लगे. दलन के शिवनारायण यादव के दो बीघा खेत में धान रोपनी कर रहे महिला मजदूरों द्वारा सखी आग लगे नैहर में अब हम जईबे ससुरारी…धनरोपनी की गीत गुनगुनाती नजर आयीं. इसी तरह भवाड़ा के किसान किसान उमेश चौहान, अशोक चौहान, दिनेश चौहान, महेश चौहान के करीब बीस बीघा खेतों में धान रोपनी के दौरान महिला मजदूरों द्वारा पिया गइले विदेसवा अरे रिमझिम बरसे ला सावना बिन सजनवा की…गीत से गूंजायमान हो गया. किसान शिवनारायण यादव ने बताया कि जून माह में बारिश काफी कम होने के कारण अधिकांश खेत सूख गये थे. किसी तरह महंगे डीजल से पटवन कर कादो कर कठ्ठा दर कठ्ठा धान की रोपनी कार्य कर रहे थे. रविवार की देर रात हुई झमाझम बारिश से खेतों में पानी जमने से धान की रोपनी करने में काफी तेजी आयी है. एक साथ अधिक पैमाने पर धान रोपनी करने के कारण अब मजदूरों की कमी हो गयी है. अतिरिक्त राशि देकर किसी तरह महिला मजदूरों से धान रोपनी कार्य कराया जा रहा है. महिला मजदूरों को तीन सौ और पुरूष मजदूर को साढ़े चार सौ रूपये डेलीबेसिस पर व्यय कर धान रोपनी कार्य करने की मजबूरी बनी हुई है.
सभी फसलों को बारिश से मिलेगा लाभ
केविके के वैज्ञानिक पंकज कुमार की माने तो इस बारिश से जिन्होंने धान की रोपनी नहीं कर सके थे. किसान इस पानी का उपयोग कर कादो कर धान लगा सकते हैं. इसके अलावा सब्जी वाली फसल को भी इस बारिश का लाभ मिलेगा. मखाना के खेत में पानी की आवश्यकता थी. इस बारिश से उसे भी लाभ ही मिलेगा. कई सब्जी खेतों में पानी जम जाने के कारण अब वैसे सब्जियों की कीमत में उछाल आने की संभावना बढ़ गयी है.मिर्च में पानी जमने से सूखने की होगी समस्या
किसानों की मानें तो यूं तो इस बारिश का लाभ सभी फसलों को होगा. खासकर खरीफ मौसम में आने वाले सभी तरह के फसल लाभान्वित होंगे. लेकिन मिर्च की खेतों में अधिक पानी जम जाने के कारण सूखने की समस्या आयेगी. किसान रविशंकर श्रवणे, अनिल सिंह, अनिल राय, आनंद सिंह, जयनारायण सिंह, सुनील सिंह, सीताराम सिंह, वैधनाथ सिंह समेत अन्य किसानों का मानना है कि झिंगली, घेरा, करेला, कद्दू आदि खेतों में पानी जम जाने के कारण पौधा सूखने का भय सता रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है