औरंगाबाद/अंबा. झारखंड के भीम बराज मोहम्मदगंज मे फिलहाल पानी की कोई कमी नहीं रह गयी है. रविवार को ही बराज का वाटर पौंड लेबल मेकअप कर गया है. इसके साथ हीं उत्तर कोयल नहर का अनवरत संचालन शुरू कर दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि शुरू दिन राइट साइड मेन कैनाल में टेस्टिंग के लिए 497 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था. इसके बाद सोमवार को डिस्चार्ज बढ़ा कर उसे 700 क्यूसेक कर दिया गया है. मौसम अनुकूल के रहने पर पांच सें छह दिनों के अंदर जिला के अंतिम छोर तक नहर में पानी पहुंच जाने की उम्मीद है. इधर, कोयल नहर में ससमय पानी आने से किसानों में हर्ष है. ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि जो किसान सिंचाई के अभाव में अबतक नर्सरी की तैयारी नहीं किये थे. नहर में पानी आने से उनको भी बिचड़ा गिराने में काफी सहूलियत होगी. इसके साथ ही जिन किसानों ने इलेक्ट्रिक मोटर के बदौलत रोहिणी नक्षत्र में बिचड़ा गिराये हैं. उन्हे अब धान की रोपाई करने में दिक्कत नही होगी. हालांकि कुटकू डैम में गेट नहीं होने से उत्तर कोयल नहर अभी भी बिल्कुल बरसाती परियोजना बनकर रह गयी है. झारखंड के हजारीबाग, गुमला, लोहरदगा, लातेहार व पलामू के जल अधिग्रहण क्षेत्र के साथ-साथ गढ़वा जिला के पूर्वी भाग में बारिश होती है, तब भीम बराज में जल भंडारण कर नहर का संचालन किया जाता है. अन्यथा कभी-कभी वर्षाभाव में सूखी नहर से सिंचाई सेवा बाधित भी होती है. बराज के एग्जिक्यूटीव इंजीनियर विनीत प्रकाश से संपर्क करने पर बताया कि झारखंड पोरसन के 44 और 60 आरडी पर नहर के क्षतिग्रस्त तटबंध को कंप्लीट करा दिया गया है.बुधुआ माईनर में गेट नहीं होने से कभी-कभी परेशानी होती है. जानकारी के अनुसार रविवार की रात बराज के वाटर पौंड लेबल मेंटेन करने के बाद 5000 क्यूसेक पानी नदी के डाउन साईड में नीचे बहाना पड़ गया था. निर्माण के समय कोयल नहर का जल प्रवाह 2975 क्यूसेक था. इसके बाद शहरीकरण और किनारे में झाड़ी उगने से जल प्रवाह घटकर 2060 क्यूसेक रह गया है. वैसे अजीत कुमार, चंदन तिवारी, प्रभात कुमार आदि बताते हैं पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह के पहल पर तेजी से नहर का रिमॉडलिंग कार्य जारी किया गया है. अब नहर में पानी के टेस्टिंग चल रही है. इधर, सांसद अभय कुमार सिंहा भी सिचाई व्यवस्था को लेकर संवेदनशील है. इस संबंध में जल संसाधन विभाग के एसइ अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया कि किसान धैर्य रखें, सब कुछ ठीक-ठीक रहने पर नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने का हरसंभव प्रयास किया जायेगा. पुल-पुलिया के रिमॉडलिंग होने से नहर में सुधार हुआ है. उत्तर कोयल नहर के अधिनस्थ क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए जल संसाधन विभाग प्रयासरत है. एक-दो दिनों क्षमता के अनुरूप पानी छोड़ा जायेगा.
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