संवाददाता, कोलकाता
राज्य में पिछले कुछ दिनों से मॉब लिंचिंग की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. लेकिन राज्य सरकार इसके खिलाफ ठोस कदम नहीं उठा पा रही है. इसकी वजह यह है कि मॉब लिंचिंग को लेकर पांच साल पहले विधानसभा में एक विधेयक पारित हुआ था, लेकिन राज्यपाल ने अब तक उस पर हस्ताक्षर नहीं किया है. इस कारण विधेयक कानून का रूप नहीं ले सका है. 30 अगस्त 2019 में राज्य सरकार ने सामूहिक पिटाई रोकने के लिए विधानसभा से एक विधेयक पारित किया. इसमें मॉब लिंचिंग जैसे अपराधों के लिए मौत की सजा का भी प्रावधान है.
सोमवार को विधानसभा में पत्रकारों के सवाल के जवाब में विस अध्यक्ष बिमान बनर्जी कहा,“ मॉब लिंचिंग में किसी की मौत होने पर सजा तय करने के लिए विधेयक तैयार किया गया है. लेकिन मुझे नहीं पता कि राज्यपाल ने उसे अब तक मंजूरी क्यों नहीं दी.”
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