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नाबालिग को बाल सुधार गृह की बजाय भेजा जेल, राष्ट्रीय मानवाधिकार ने लिया संज्ञान

साइबर क्राइम मामले में अभियुक्त नाबालिग को पुलिस ने गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेजने की बजाये घाघीडीह जेल भेज दिया. इस संबंध में आजाद मजदूर समाचार पत्र के संपादक कवि कुमार ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार की स्पेशल रिपोर्टियर सुचित्रा सिन्हा को किया.

जेल अधीक्षक ने लड़के के जन्म प्रमाण पत्र का किया सत्यापन, कोर्ट में भेजा बंदी पत्र आवेदन

जमशेदपुर :

साइबर क्राइम मामले में अभियुक्त नाबालिग को पुलिस ने गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेजने की बजाये घाघीडीह जेल भेज दिया. इस संबंध में आजाद मजदूर समाचार पत्र के संपादक कवि कुमार ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार की स्पेशल रिपोर्टियर सुचित्रा सिन्हा को किया. सुचित्रा सिन्हा ने मामले से संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब भी किया गया. उसके बाद सुचित्रा सिन्हा ने जेल में बंद उस नाबालिग से संबंधित सभी कागजातों की जांच करने का आदेश घाघीडीह जेल के अधीक्षक को दिया. सत्यापन के दौरान यह पाया गया कि जेल में बंद लड़का नाबालिग है. उसके बाद सुचित्रा सिन्हा ने घाघीडीह जेल अधीक्षक को फौरन बंदी आवेदन पत्र लिखवा कर कोर्ट में भिजवाया. साथ ही नाबालिग के जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित कागजातों को कोर्ट में भिजवाया. जेल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार जेल में बंद लड़के का बंदी आवेदन पत्र और संबंधित कागजात कोर्ट में जमा करा दिया गया है. कोर्ट के आदेश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी.

बताया जाता है कि घाटशिला के नाबालिग की उम्र साढ़े 17 वर्ष है. लेकिन उसकी उम्र पुलिस ने 19 वर्ष लिख दिया था. इस क्रम में उस नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजने के बजाए 20 मई 2024 को घाघीडीह जेल भेज दिया गया. इस मामले में कवि कुमार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से दोषी पर उचित कार्रवाई करते हुए नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजने और पीड़ित को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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