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फाइल- 9- लाखों खर्च के बाद भी सिंचाई की नहीं मिल रही सुविधा पांच वर्षों से बंद पड़ा सरकारी ट्यूबवेल

लाखों खर्च के बाद भी सिंचाई की नहीं मिल रही सुविधा पांच वर्षों से बंद पड़ा सरकारी ट्यूबवेल

3 जुलाई- फोटो- 9- बेकार पड़ा ट्यूबवेल राजपुर. प्रखंड के बारुपुर पंचायत अंतर्गत उत्तमपुर गांव में पिछले पांच वर्षों से सरकारी ट्यूबवेल बंद पड़ा है. बोरवेल होने के बाद से एक दिन भी खेतों की सिंचाई नहीं की गयी है. लाखों रुपये की लागत से लगभग 100 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई करने के लिए भारत सरकार के तरफ से संचालित योजना के तहत नलकूप विभाग ने इस सरकारी ट्यूबवेल को यहां लगाया था. वर्ष 2018 में किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए ट्यूबवेल किया गया था जो फिलहाल यह शोभा की वस्तु बना है. विदित हो की पिछले कई वर्षों से इस इलाके में खेती करने वाले किसान अक्सर मानसून पर निर्भर रहते हैं. वर्षा होने पर या नहर में पानी आने पर ही खेती की जाती है. पानी के अभाव में सैकड़ों एकड़ खेत परती रह जाता था. इसको देखते हुए तत्कालीन मुखिया मिथिलेश पासवान ने पहल करते हुए नलकूप विभाग को यहां सिंचाई के लिए सरकारी ट्यूबवेल की मांग की गयी थी. जिनके मांग पर यह लगाया गया.जिसको लगाने के लिए वाराणसी से आए कारीगरों ने लगभग 500 फीट गहरे बोरवेल किया. जिसमें सभी यंत्रों को लगाकर इसकी सफाई भी कर दी गयी. दुर्भाग्य ही कहा जाएगा की लाखों खर्च करने के बाद भी यहां बिजली का तार एवं खंभा नहीं गाड़ा गया है. इसकी वजह से आज तक यह नलकूप बेकार पड़ा है. जिसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है. कुछ ही दिनों में अब धान की सिंचाई की जायेगी. ऐसे में किसान अपने निजी बोरिंग का सहारा लेंगे. इस गांव के किसान मुसाफिर राय, रमेश सिंह, रामकृष्ण सिंह, रामनरेश सिंह ,दीपक रजक,बबन राम ने आवाज उठाते हुए कहा कि सरकारी बोरिंग को चालू करने की जरूरत है. अगर यह बोरिंग चालू हो जाता है तो अधिकतर किसान आर्थिक रूप से उन्नत हो सकते हैं. फिलहाल इसके बगल में ही विशाल पोखरा है. जिस पोखरा में वर्षा का पानी संचय होने के बाद लगभग 100 एकड़ से अधिक खेतों की सिंचाई की जाती है.

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