प्रतिनिधि, मुंगेर. अनुकंपा पर नियुक्ति की मांग को लेकर 1 जुलाई से अनुकंपा आश्रित मुंगेर विश्वविद्यालय के समक्ष धरने पर बैठे हैं. इनका धरना प्रदर्शन तीसरे दिन बुधवार को भी बारिश के बावजूद जारी रहा. हालांकि, तीसरे दिन भी अनुकंपा आश्रितों से विश्वविद्यालय के कोई भी अधिकारी मिलने नहीं आये. इसे लेकर सालों से अनुकंपा पर नियुक्ति की आस में बैठे अनुकंपा आश्रितों में नाराजगी देखने को मिली. धरना पर बैठे आश्रित देव कुमार रावत, बबलू साह, अमित कुमार, श्रीराम चौधरी, अमिता कुमार, मुकेश कुमार, मु. परवेज, बबीता भारती, अंजू कुमारी, नीतीश कुमार आदि ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से वे लोग अनुकंपा पर नियुक्त करने की मांग कर रहे हैं. 2022 में आवेदन करने वाले 22 आवेदकों में महज छह लोगों की ही नियुक्त किया गया. इसके बाद से हमलोग बार-बार विश्वविद्यालय से अनुकंपा पर नियुक्त करने की मांग कर रहे हैं. हर बार विश्वविद्यालय प्रशासन हमलोगों को आश्वासन देकर बरगला रहा है. वर्ष 2023 के अंत में जब दोबारा अनुकंपा पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई तो यह उम्मीद जगी थी कि जल्द ही उनलोगों को भी जीवन का आधार मिल जायेगा, लेकिन सात माह बीत जाने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि जबतक हमलोगों की मांग पूरी नहीं होती है, तबतक अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.
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