वरीय संवाददाता, जमशेदपुर
बरसात के मौसम में गंदगी व मच्छर के फैलने तथा प्रदूषित जल के सेवन से डायरिया, मलेरिया, डेंगू , वायरल फीवर, जॉन्डिस सहित अन्य कई तरह की बीमारियां तेजी से फैलती है. इस दौरान जहां अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो जाती है, वहीं बस्ती व गांवों में महामारी फैलने की भी आशंका बनी रहती है. ऐसे में जहां एक ओर बीमारियों से बचने के लिए खान-पान संबंधी सावधानी बरतने की जरूरत है, वहीं बीमार लोगों का समय पर इलाज हो इसका भी इंतजाम किया जाना चाहिए. इन दिनों एमजीएम व सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं. अधिकांश मरीजों में बरसात जन्य बीमारियों के लक्षण पाये जा रहे हैं.———————————-—————————
बरसात में होने वाली बीमारी
डायरिया – प्रदूषित खाना खाने व दूषित जल के सेवन से.लक्षण – पेट में दर्द, पतला दस्त होना, चक्कर आना, उल्टी होना आदिबचाव – बासी खाना व गंदा पानी न पीयें. खुले में बिकने वाले खाद्य सामग्रियों से परहेज करें———————————————————
वायरल फीवर – मौसम में हो रहे परिवर्तन, बारिश में भींगने से, संक्रमण से.लक्षण – बदन व सिर में दर्द, मांस पेशियों में खिंचाव, भूख कम लगाना, उल्टी आना, बुखार होना.बचाव – रहन-सहन और खान पान पर ध्यान दें. घर के आसपास पानी व कचरा जमा नहीं होने दें——————————————————–मलेरिया – मादा एनोफिल मच्छर के काटने से
लक्षण – ठंड के साथ बुखार आना, सिर में काफी दर्द होना, बदन में दर्द होना, उल्टी होनाबचाव – घर के आस पास पानी जमा नहीं होने दें, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें. शाम में बाहर निकलते समय पूरी बांह के कपड़े पहनें, घर के पास की नाली में पानी जमा नहीं होने दें, खुले स्थानों पर एंटी मॉस्क्विटो क्रीम लगाएं.—————————————————चिकनगुनिया व डेंगू – एडिस मच्छर के काटने से फैलता है.
लक्षण – बदन के जोड़ों में दर्द होना, बुखार होना, सिर में दर्द होना, चलने में कठिनाई होनाबचाव – एडिस मच्छर घर में रखे साफ पानी में पनपते हैं. घर के आसपास किसी बर्तन, टायर, गमला, कूलर में पानी जमा नहीं होने दें.————————————————————–जॉन्डिस : जब लीवर खराब होता है, तो यह ब्लड से बिलीरुबिन को अच्छे से नहीं हटा पाता है. इससे बिलीरुबिन बनता रहता है और फिर पीलिया हो सकता है. इसके दूषित पानी पीने से भी लीवर खराब हो सकता है.लक्षण : पीलिया का सबसे बड़ा लक्षण त्वचा और आंखों का पीला होना है. इसके अलावा बुखार होना, थकान होना, वजन घटना, कमजोरी होना, भूख नहीं लगना, पेट में दर्द होना, पीला पेशाब होना सहित अन्य कई लक्षण शामिल हैं.बचाव : पीलिया का बचाव करने के लिए लीवर का स्वस्थ होना अतिआवश्यक है, क्योंकि यही पाचक रस का उत्पादन करता है जो भोजन को हजम करने में मदद करता है. इस दौरान शराब के सेवन से बचें.
——————————————बरसात में कई तरह की बीमारियां फैलती हैं. थोड़ा ध्यान देनें तथा खानपान में परहेज रख कर बीमारियों से बचा जा सकता है. अगर बीमारी का लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.डॉ असद, जिला महामारी रोग विशेषज्ञ
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