आयुक्त के द्वारा जारी की गयी 12 करोड़ की योजना काे लेकर पूर्व वार्ड पार्षदों ने दिया आवेदनकी जांच की मांग, नगर निगम की लचर व्यवस्था पर जताया आक्रोश प्रतिनिधि, सहरसा नगर विकास एवं आवास विभाग के निर्देश के खिलाफ नगर आयुक्त के द्वारा करीब बारह करोड़ की योजना विभागीय रूप से कार्य करने संबंधी आवेदन कई पूर्व वार्ड पार्षदों ने प्रमंडलीय आयुक्त व जिलाधिकारी को दिया है. इनके अलावे निगम आयुक्त व प्रधान सचिव नगर विकास को भी भेजा है. पूर्व वार्ड पार्षद मिथिलेश झा, साजन शर्मा, अरूण कुमार निराला, हरेराम शर्मा सहित अन्य ने कहा कि नगर निगम आयुक्त के द्वारा विभागीय निर्देशों का उल्लंघन करते हुए 46 वार्डों में करीब बारह करोड़ की योजनाएं विभागीय रूप से करायी जा रही है. जबकि नगर विकास एवं आवास विभाग, पटना के पत्रांक में निर्देश दिया गया है, जो पर्व-त्योहार एवं आकस्मिक आपदा के समय ही पंद्रह लाख की योजनाएं विभागीय रूप से करायी जायेगी. लेकिन आयुक्त के द्वारा मेयर एवं वार्ड पार्षद की मिलीभगत से एक सौ एक योजना का फाइलें खोलकर एवं अभिकर्ता प्रतिनियुक्त कर विभागीय रूप से किया जा रहा है. जबकि उक्त योजनाओं को सरकारी निर्देशानुसार टेंडर के माध्यम से होना चाहिए. अयुक्त एवं मेयर के द्वारा लूट- खसोट करने के लिए गैर-सरकारी अभिकर्ता नियुक्त करके, अवैध रूप से बारह करोड़ की योजनाएं विभागीय रूप से करायी जा रही हैं. जबकि इस योजनाओं की निविदा निकालकर कार्यान्यवयन होना चाहिए. इसके लिए जांंच टीम गठित करके विभागीय रूप से करायी जा रही योजनाओं पर रोक लगाते हुए योजनाओं को निविदा के माध्यम से कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि कई वाडों में अभी भी सफाई व्यवस्था लचर बनी है. कई मोहल्लों में अब तक घर घर कचरा का उठाव नहीं किया जा रहा है. वहीं सड़कों पर से भी गंदगी को नहीं उठाया जा रहा है. जिससे लोग परेशान हैं. लेकिन इससे इतर लूट की योजना तैयार हो गयी है. ……………………………………………………………………………………… निगम क्षेत्र के 2758 लाभुकों को मिला आवास योजना की स्वीकृति पूर्व के पांच चरणों में 3651 लाभुकों में 1628 आवास ही हुए हैं पूर्ण सहरसा अर्बन डेवलपमेंट के तहत नगर निगम द्वारा छठे चरण में निगम क्षेत्र के कुल 46 वार्डों के लिए 2758 लोगों का चयन किया गया है. चयनित लिस्ट सभी वार्ड पार्षदों को दिया गया है. जिनके माध्यम से शिविर लगाकर लाभुकों को वर्क आर्डर पत्र दिया जायेगा. इस इस बाबत पूछे जाने पर नगर निगम आयुक्त मुमुक्षु चौधरी ने बताया कि यह योजना उनके समय से काफी पूर्व की है. योजना की स्वीकृति अर्बन डेवलपमेंट विभाग द्वारा दी जाती है. वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही लाभुकों को स्वीकृति पत्र दिया जाता है. उन्हें मालूम नहीं है कि छठे चरण में कितने लोगों को आवास योजना के लिए स्वीकृति मिली है. इनमें सबसे खास यह है कि पहले चरण से लेकर छठे चरण तक कुल 6409 लाभुकों को आवास योजना के तहत चयनित कर वर्क आर्डर दिया गया है. इनमें 3521 लाभुकों को प्रथम इंस्टॉलमेंट दिया गया. जबकि 3038 को दूसरा इंस्टॉलमेंट, 2048 को तीसरा इंस्टॉलमेंट एवं 1160 को चौथा व अंतिम इंस्टॉलमेंट दिया गया है. जबकि इतने के बावजूद मात्र 1628 आवास अब तक पूर्ण निर्माण किए गये हैं. प्रथम चरण में 938 स्वीकृत आवासों में 800 आवास पूर्ण हुए हैं. द्वितीय चरण में 1300 स्वीकृत आवासों में से 435 आवास पूर्ण हुए हैं. तीसरे चरण में 195 स्वीकृत आवासों में से मात्र 46 आवास पूर्ण हुए हैं. चौथे चरण में 1138 स्वीकृत आवासों में से 337 पूर्ण हुए हैं. पांचवें चरण में 80 स्वीकृत आवासों में से मात्र 10 पूर्ण हुए हैं. जबकि छठे चरण का स्वीकृति पत्र अब दिया जाना है. पूर्व के पांच चरण में कुल 3651 लाभुकों का चयन किया गया. जिसमें कुल 1160 लाभुकों को अंतिम चरण की राशि दी गयी है.
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