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एमबीबीएस कोर्स की टर्मिनोलॉजी अंग्रेजी में, जबकि वाक्य हिंदी भाषा में रहेंगे

एमबीबीएस कोर्स की टर्मिनोलॉजी अंग्रेजी में, जबकि वाक्य हिंदी भाषा में रहेंगे

– जेएलएनएमसी भागलपुर में मिली जुली हिंदी व अंग्रेजी भाषा का प्रयोग कर होगी पढ़ाई

– मेडिकल छात्रों को परीक्षा में अंग्रेजी या हिंदी भाषा में उत्तर लिखने को मिलेगी स्वतंत्रता

गौतम वेदपाणि, भागलपुर

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग नयी दिल्ली के निर्धारित सिलेबस के अनुसार नीट यूजी परीक्षा 2024 में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के लिए इसी सत्र में हिंदी में एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई होगी. हिंदी सिलेबस को राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में लागू किया जायेगा. इसको लेकर भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएलएनएमसी) में 120 सीटों पर नामांकन के बाद छात्रों को अंग्रेजी के अलावा हिंदी भाषा में पढ़ायी करायी जायेगी. मामले पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ उदय नारायण सिंह ने बताया कि मेडिकल के सिलेबस में प्रयोग होने वाले टर्मिनोलॉजी अंग्रेजी में, जबकि वाक्य हिंदी भाषा में रहेंगे. दवा के नाम भी अंग्रेजी में ही लिखे जायेंगे.

अबतक भागलपुर के मेडिकल कॉलेज में अंग्रेजी माध्यम से कक्षा व परीक्षा का आयोजन होता रहा है. लेकिन नये सत्र से कक्षा में मिलीजुली हिंदी व अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते हुए पढ़ाई करायी जायेगी. जैसे आंख की बीमारी एमैट्रोपिया कैसे होती है. जवाब में, जब रैटिना पर लाइट का फोकस नहीं हो पाता है. कक्षा में हिंदी व अंग्रेजी भाषा के छात्रों को एक साथ पढ़ाया जायेगा. वहीं परीक्षा में छात्रों को अंग्रेजी या हिंदी में उत्तर लिखने की अनुमति मिलेगी. हिंदी भाषा में पढ़ाई को लेकर जल्द ही स्वास्थ्य विभाग से मेडिकल कॉलेजों को गाइडलाइन जारी किया जायेगा.

90 प्रतिशत एमबीबीएस छात्र हिंदी मीडियम के : जेएलएनएमसी में नामांकन लेने वाले 90 प्रतिशत छात्रों का बैकग्राउंड हिंदी मीडियम रहता है. शेष छात्र साउथ इंडिया, नॉर्थइस्ट, बांग्ला भाषी क्षेत्र के होते हैं. प्राचार्य ने बताया कि जर्मनी, फ्रांस, चीन व रूस में स्थानीय भाषा में मेडिकल की पढ़ाई होती है, भारत में भी हिंदी भाषा में क्यों नहीं हो सकती है. इससे हिंदीपट्टी के छात्रों का रिजल्ट बेहतर होगा. साथ ही विषय का ज्ञान भी बढ़ेगा. फिलहाल देश में सिर्फ मध्य प्रदेश में हिंदी में एमबीबीएस कोर्स का संचालन हो रहा है. बिहार हिंदी सिलेबस को लागू करने वाला दूसरा राज्य बनेगा.

भागलपुर मेडिकल कॉलेज के सभी शिक्षकों को आती है हिंदी : जेएलएनएमसी के टीबी एंड चेस्ट विभाग के प्राध्यापक डॉ शांतनु घोष ने बताया कि हिंदी मीडियम के किताबों को तैयार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमेटी का गठन किया गया है. जल्द की हिंदी में तैयार किताबों व मेटेरियल की आपूर्ति सभी मेडिकल कॉलेजों को होगी. भागलपुर मेडिकल कॉलेज के अधिकांश शिक्षकों को हिंदी भाषा आती है. छात्रों को पढ़ाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.

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