बिस्फी . प्रखंड क्षेत्र में हर वर्ष मॉनसून के दौरान प्रखंड के एक दर्जन से अधिक पंचायतों में बाढ़ की विभीषिका का सामना करना पड़ता है. ऐसे में विभाग की ओर से तैयारी की जा रही है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में नौका पर अस्थाई अस्पताल की व्यवस्था को लेकर पहल की गई है. खासकर वैसे पंचायतों में जहां बाढ़ से जानमाल की क्षति के अलावा कई तरह के जल जनित बीमारियां भी पैदा होती है जो महामारी का रूप ले सकती है. आवश्यक है कि पूर्व में ही प्रभावशाली कदम उठाया जाए. आपदा प्रबंधन पदाधिकारी सह सीओ निलेश कुमार ने नौका पर अस्थाई अस्पताल की व्यवस्था करने को लेकर अस्पताल प्रबंधन को कई दिशा निर्देश जारी किए हैं. बाढ़ के कारण सड़क संपर्क टूट जाने और जलजमाव वाले इलाके में यह अस्थाई अस्पताल भ्रमण करेगा. वहीं सीएचसी प्रभारी डॉ अब्दुल बासित ने बताया कि संभावित बाढ़ और उससे उत्पन्न होने वाली बीमारियों की रोकथाम की तैयारी पूरी कर ली गई है. स्वास्थ्य विभाग बाढ़ के समय होने वाली बीमारियों की रोकथाम में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतेगी. बाढ़ आने के पहले ही तमाम तैयारी पूरी कर लेनी है. बाढ़ प्रभावित पंचायतों में पेयजल स्रोतों की पहचान के साथ क्षेत्र में पानी पीने, पानी के शुद्धीकरण, छोटे स्रोतों के लिए क्लोरीन टिकिया एवं बड़े स्रोतों के लिए ब्लीचिंग पाउडर के माध्यम से करने का निर्देश दिया गया है. स्वच्छता निरीक्षक पर जल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पानी के नमूनों का संग्रह करेंगे तथा उसकी जांच सक्षम पदाधिकारी के माध्यम से किया जाएगा.
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