पाकुड़िया. प्रखंड क्षेत्र में अनधिकृत रूप से पशु चिकित्सा कार्य कर रहे झोलाछाप पशु चिकित्सकों के विरुद्ध सरकारी आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी. उक्त जानकारी देते हुए भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कलीमुद्दीन अंसारी ने बताया कि इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र में झोला छाप पशु चिकित्सकों द्वारा अनधिकृत रूप से पशुओं का इलाज करने की शिकायत प्राप्त हुई है. झोला छाप पशु चिकित्सकों द्वारा गलत इलाज एवं दवा दिए जाने के कारण इलाज के क्रम में पशु असामयिक मौत का शिकार हो रहे हैं और पशुपालकों को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है. सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे जानलेवा झोलाछाप पशु चिकित्सकों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए. पहले वैसे झोलाछाप पशु चिकित्सकों से चिकित्सा कार्य बंद करने का शपथ पत्र लिया जाएगा. शपथ पत्र भरने के बाद भी पहली बार दोषी पाए जाने पर जुर्माना एक हजार रुपये, दूसरी बार दोषी पाए जाने पर जुर्माना पांच हजार रुपये या छह माह तक कारावास या दोनों दंड साथ-साथ दिए जाने के प्रावधान का भारतीय पशु चिकित्सा परिषद अधिनियम 1984 की धारा 56 में उल्लेख है.
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