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श्रावणी मेला व बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर आयुक्त ने की ऑनलाइन समीक्षा, दिये कई आवश्यक निर्देश

श्रावणी मेला एवं बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर आयुक्त ने की ऑनलाइन समीक्षा

मुंगेर. श्रावणी मेला एवं बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर गुरुवार को मुंगेर प्रमंडल के आयुक्त संजय कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारी के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की. जिसमें 22 जुलाई से आरंभ हो रहे श्रावणी मेला तथा मुंगेर प्रमंडल के जिलों में संभावित बाढ़ के पूर्व तैयारियों को लेकर कई आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये. इस दौरान आयुक्त ने जिलावार श्रावणी मेला एवं बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा की. मौके पर

मुंगेर के जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह मौजुद थे.

श्रावणी मेला को लेकर समय पर तैयारियों के दिये निर्देश

समीक्षा के दौरान मुंगेर के डीएम अवनीश कुमार ने बताया कि 22 जुलाई से श्रावणी मेला आरंभ हो रहा है, कांवरिया पथ में कुल 26 किलोमीटर का भाग मुंगेर जिलांतर्गत आता है. जिसमें चार भवन निर्माण एवं एक पर्यटन विभाग अंतर्गत कुल पांच धर्मशालाएं हैं. आठ चापाकलों के संस्थापन सहित पूर्व के 115 चापाकलों को 14 जुलाई तक कार्यरत कर लिया जाएगा. जबकि सात शौचालय काॅमप्लेक्स का निर्माण किया गया है. वहीं 13 स्थानों पर पुलिस चौकी बनायी गयी है. दो टेंट सिटी पर्यटन विभाग द्वारा स्थापित की गयी है. पूर्व के निर्धारित स्थल पर ही इस बार भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त तीन एंबुलेंस की तैनाती की जाएगी. कांवरिया पथ में बालू बिछाने का कार्य किया जा रहा है. सभी व्यवस्थाएं निर्धारित समय पर पूर्ण कर ली जाएगी. वहीं जमुई के जिलाधिकारी ने बताया कि जमुई जिला होकर सुल्तानगंज नौ मार्ग से श्रद्धालुगण जाते हैं. आवागमन के क्रम में चिन्हित बिंदुओं पर पेयजल, प्रकाश की व्यवस्था संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से सुनिश्चित करायी गयी है. जबकि 18 गश्ती दल का भी गठन किया गया है एवं यातायात प्रबंधन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. लखीसराय जिलाधिकारी ने बताया कि श्रावणी मेला के दौरान अशोक धाम में अत्यधिक भीड़ रहती है. पहली सोमवार को जहां एक लाख श्रद्धालु जलार्पण करते हैं, वहीं दूसरी सोमवारी को दो लाख श्रद्धालुओं की भीड़ होती है. जिसे लेकर 6 जुलाई को विधि व्यवस्था संबंधित बैठक आयोजित की गयी है. अशोक धाम मंदिर परिसर की ओर से भी कई व्यवस्थाएं की जाती है. इस दौरान आयुक्त ने विधि व्यवस्था के दृष्टिकोण से पर्याप्त एवं अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे के संस्थापन की व्यवस्था का निर्देश दिया एवं सुचारू यातायात प्रबंधन हेतु सभी समुचित व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया. वहीं बेगूसराय जिलाधिकारी ने बताया कि श्रावणी मेला के दौरान झमटिया एवं सिमरिया से श्रद्धालुगण जल का उठाव करते हैं. सिमरिया में घाट का निर्माण हो गया है. मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक कर ली गयी है. जिसके बाद आयुक्त ने सभी जिलाधिकारियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश दिये.

बाढ़ को लेकर तैयारी रखें पूरी, आपदा पोर्टल को भी रखें अपडेट

मुंगेर प्रमंडल के जिलों में बाढ़ पूर्व तैयारी की भी समीक्षा आयुक्त ने की. जहां उन्होेंने सभी जिलाधिकारियों को ससमय बाढ़ पूर्व तैयारी सुनिश्चित करने तथा आपदा पोर्टल को अपडेट रखने का निर्देश दिया. समीक्षा के दौरान मुंगेर जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर सभी निविदा कर ली गयी है और कार्यादेश निर्गत कर दिया गया है. इस दौरान 96 निजी नावों को चिन्हित किया गया है. जिसका दो बार सत्यापन भी करा लिया गया है. 55 राहत शिविर चिन्हित किए गए हैं एवं उनका निरीक्षण कर लिया गया है. इसके अतिरिक्त एसडीआरएफ की 26 सदस्यीय टीम उपलब्ध है. आठ हाई स्पीड वोट भी उपलब्ध है. आपदा संपूर्ति पोर्टल को पंचायतवार अद्यतन की जा रही है. 21 पशु आश्रय स्थल चिन्हित किए गए हैं तथा जो तटबंध हैं, उसका भी निरीक्षण कर लिया गया है. बाढ़ पूर्व तैयारी के संबंध में स्वास्थ्य, पेय जल, शौचालय सहित सभी बिंदुओं पर तैयारी पूर्ण कर ली गयी है. शेखपुरा जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के घाट कुसुम्बा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के मद्देनजर दस आश्रय स्थलों को चिन्हित किया गया है. जहां पेयजल सहित अन्य सभी सुविधाएं सुनिश्चित करायी जा रही है. 12 सरकारी नाव के साथ एग्रीमेंट किया गया है. लखीसराय जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के तटबंधों का निरीक्षण कर लिया गया है. 74 निजी नावों को निबंधित किया गया है. 184 लाइफ जैकेट की व्यवस्था की गयी है. 52 शरणस्थली को चिन्हित किया गया है एवं 45 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गयी है. बेगूसराय जिलाधिकारी ने बताया कि 15 जुलाई तक निजी नाव का भौतिक सत्यापन कर एग्रीमेंट कर ली जाएगी. शरणस्थली, सामुदायिक रसोई सहित अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है. खगड़िया जिलाधिकारी ने बताया कि चार नदियां गंगा, बुढ़ी गंडक, कोसी एवं बागमती है. जिसमें से कोसी और बागमती में जल स्तर बढ़ा है. सभी मुखिया, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी को अलर्ट मोड में रहने के निदेश दिए गए हैं. जहां कटाव की समस्या है. वहां बाढ़ निरोधक कार्रवाई की जा रही है. 174 निजी नावों के साथ एग्रीमेंट किया गया है. एसडीआरएफ टीम उपलब्ध है. 35 शरणस्थली, 143 सामुदायिक रसोई चिन्हित किए गए हैं.

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